बाबा ने बुलाया, इसलिए आया : मोदी

पीएम ने किया काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास और भूमिपूजन

लखनऊ : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के विकास में हुए विलम्ब पर अपना पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि यदि पिछली सरकार का सहयोग प्राप्त हुआ होता तो, आज इस परियोजना का शिलान्यास नहीं, बल्कि उद्घाटन होता। श्री काशी विश्वनाथ धाम बाबा भोलेनाथ की मुक्ति का पर्व है। सदियों तक बाबा को सांस लेने में भी दिक्कत होती रही। श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण से बाबा को मुक्ति तो मिलेगी ही, बाबा के भक्तों को विशालता की अनुभूति होगी। प्रधानमंत्री शुक्रवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना का शिलान्यास करने के उपरान्त जनता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि जिस सपने को एक अरसे से संजोया था, वह आज पूरा हो रहा है। राजनीति में नहीं था तब भी यहां आता था। कई बार आया लेकिन नजर आता कि कुछ करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बाबा के आदेश से सपना साकार होने का शुभारम्भ हो रहा है। चारों ओर दीवारों से घिरे बाबा को सांस लेने में दिक्कत होती थी। अगल-बगल कई मकानों ने घेर रखा था। बाबा के भक्तों को अब विशालता की अनुभूति होगी। करीब 300 प्राॅपर्टी को लेकर जिस प्रकार सहयोग दिया वह अनुकरणीय है। अपनी इस जगह को छोड़कर बाबा के चरणों में समर्पित कर दी। यह काम लोगों ने किया है उनका भी सांसद के रूप में आभार और अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने इसे अपना काम मानकर पूरा किया।

380 करोड़ की लागत से होगा मंदिर का सौन्दर्यीकरण और विस्तार

प्रधानमंत्री ने कहा कि कितनी सदियों से यह स्थान दुश्मनों के निशाने पर रहा। कितनी बार ध्वस्त हुआ अस्तित्व विहीन रहा। यह क्रम सदियों से चलता रहा। महात्मा गांधी जब आए तो उनके मन में भी पीड़ा रही। उन्होंने बी0एच0यू0 में भी अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। उनकी बात को अब सौ साल होने जा रहे। महारानी अहिल्या बाई ने सदियों के बाद इसके पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया था। तब उसे रूप मिला। अगर आप सोमनाथ जाएंगे तो सोमनाथ में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। लेकिन उसको भी 250 साल बीत गए। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा जिस स्थल पर आज आधारशिला रखी गयी है, वहां पर मंदिर का भव्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। 39 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कॉरिडोर का निर्माण होगा। इस कॉरिडोर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी0पी0आर0) तैयार हो गई है। मंदिर के सौंदर्यीकरण और विस्तारीकरण पर 380 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंदिर का प्रवेश द्वार 50 फीट से ज्यादा चैड़ा बनाया जाएगा। गलियारे के दोनों तरफ श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

गौरतलब है कि माँ गंगा के पावन तट पर स्थित विश्व की प्राचीनतम नगरी काशी के हृदय में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों हेतु सुगम दर्शन की सुविधा के दृष्टिगत श्री काशी विश्वनाथ धाम की विशाल रचना की जा रही है, जो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी से जोड़ेगा। ऐतिहासिक रूप से इस मंदिर का जीर्णोद्धार इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा वर्ष 1780 में कराए जाने के लगभग 239 वर्षों के उपरांत मां गंगा के आशीर्वाद से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की महिमा एवं वैभव को और प्रखर करने के लिए काशी के सांसद एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्पित होकर इस नवनिर्माण की आधारशिला रखी है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी आगमन के उपरान्त श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन व रुद्राभिषेक किया। प्रधानमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के माॅडल का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा महेन्द्र सिंह, सैनिक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल राजभर, सूचना राज्यमंत्री डा नीलकण्ठ तिवारी, सांसद डा महेन्द्र नाथ पाण्डेय सहित जनप्रतिनिधिगण एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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