फरवरी महीने में महंगाई बढ़ सकती है, लेकिन यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तय किए गए लक्ष्य से नीचे ही रहेगी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान जताया है।
जनवरी में महंगाई दर 19 महीनों के निचले स्तर पर जा चुकी है, जिसमें तेल और खाने-पीने के सामान की कीमतों में होने वाला मामूली इजाफा बहुत असर नहीं डालेगा।
5-7 मार्च के बीच किए गए पोल में 37 अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया। पोल के मुताबिक जनवरी के 2.05 फीसद महंगाई के मुकाबले फरवरी में इसके 2.43 फीसद रहने की उम्मीद है।
खुदरा महंगाई दर के आधार पर ही आरबीआई ब्याज दरों को लेकर फैसला करता है।
पोल में शामिल अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने माना कि महंगाई दर 3 फीसद के नीचे ही रहेगी। उन्होंने इसके 2.15 फीसद से 3.20 फीसद के बीच रहने का अनुमान लगाया।
अगर उम्मीद के मुताबिक महंगाई दर रहती है, तो यह मीडियम टर्म में आरबीआई के टारगेट 4 फीसद के नीचे रहेगा। आरबीआई ने मीडियम टर्म में महंगाई का लक्ष्य 4 फीसद (+- दो फीसद) रखा है।
कैपिटल इकॉनमिक्स की सीनियर इकॉनमिस्ट शिलन शाह ने कहा, ‘फरवरी में महंगाई के कम रहने का अनुमान है लेकिन अगर इसमें इजाफा होता है, तो उसकी वजह खाने-पीने के सामान की कीमतों में हुई वृद्धि होगी।’
महंगाई दर के काबू में होने की वजह से पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने अपने नीतिगत रुख को ”सख्त” से बदलकर ”सामान्य” कर दिया है।
जनवरी में महंगाई दर घटकर 2.05 फीसद हो चुकी है, जो जून 2017 के बाद सबसे कम है। महंगाई में आई गिरावट की वजह खाने पीने के सामान की कीमतों में आई कमी और ईंधन के दाम में मामूली बढ़ोतरी का होना है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अगली समीक्षा बैठक अप्रैल महीने में होनी हैं, और माना जा रहा है कि इस बैठक में केंद्रीय बैंक एक बार फिर से ब्याज दरों में कटौती की राहत दे सकता है।
इससे पहले आए रॉयटर्स के पोल में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने इस बात की उम्मीद जताई थी कि आम चुनाव से पहले होने वाली बैठक में ब्याज दरों को घटाया जा सकता है।