असंसियन : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति मारिटो एब्डो से मुलाकात की। नायडू पराग्वे के उपराष्ट्रपति ह्यूगो वेलाज़ग्वूज से भी मिले। उनकी मुलाकात पराग्वे संसद के अध्यक्ष सिल्वियो ओवेलार से भी हुई। उपराष्ट्रपति नायडू की इस यात्रा को पराग्वे सरकार ने भारत-पराग्वे दोस्ती के नए अध्याय की शुरुआत कहा और भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्मतिथी के अवसर पर डाक टिकट जारी किया। ये भारत की ओर से पराग्वे की पहली उच्च स्तरीय आधिकारिक यात्रा है। पराग्वे के तत्कालीन राष्ट्रपति फर्नांडो लुगो ने मई 2012 में भारत का दौरा किया था।
उपराष्ट्रपति सचिवालय के प्रवक्ता ने बताया कि पराग्वे के राष्ट्रपति ने हाल ही में भारत में हुए आतंकी हमले की निंदा की और आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई में हमेशा साथ देने का वचन दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जिस तरह से पिछले कुछ साल में आगे बढ़ी, वह दुनिया में एक उदाहरण है। भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी प्रगति के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
पराग्वे के उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत को याद किया और पराग्वे सरकार की ओर से गांधीजी की याद में डाक टिकट जारी किया। इतना ही नहीं दोनों देशों के उपराष्ट्रपति के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक हुई, जिसमें भारत-पराग्वे के बीच जलविद्युत, कृषि, अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीनीकरण ऊर्जा में आपसी सहयोग को लेकर बात हुई। इसके साथ पराग्वे के उपराष्ट्रपति ने भारत के पुलवामा में हाल ही में हुए आतंकी हमले को लेकर शोक जताया और शहीद सुरक्षाबलों के जवानों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
उपराष्ट्रपति नायडू ने पराग्वे की संसद के अध्यक्ष सिल्वियो ओवेलार से भी मुलाकात की। दोनों के बीच संसदीय अनुभवों के आदान-प्रदान, संसदीय प्रणाली के अध्ययन को लेकर बात हुई। उपराष्ट्रपति नायडू ने पराग्वे के सांसदों के दल को भारतीय संसद के प्रवास के लिए आमंत्रित भी किया। उप-राष्ट्रपति नायडू ने पराग्वे में स्थित भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की और उन लोगों को भारत-पराग्वे दोस्ती का मजबूत स्तंभ बताया।