प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संकट का सामना कर रहे थर्मल प्लांट्स की स्थिति सुधारने और नए कोयला आधारित थर्मल प्लांट को लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, ताकि देश में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को कम किया जा सके।
जेटली ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंत्री समूह (GoM) की सिफारिश को मंजूरी दे दी है, जिसमें संकटग्रस्त थर्मल पावर प्लांट की स्थिति को सुधारने का प्रस्ताव है।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में 1,320 मेगावॉट की क्षमता वाले बिजली संयंत्रों का निर्माण किया जाएगा।
बिहार में पावर प्लांट के निर्माण में जहां 10,439 करोड़ रुपये की लागत आएगी, वहीं उत्तर प्रदेश में इसके लिए 11,089 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि दोनों ही पावर प्लांट 2023-24 से काम करना शुरू कर देंगे।