जमकर हुआ बवाल, प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन मौके से रवाना
संतकबीरनगर : यूपी में भाजपा सांसद और विधायकों में गुटबाजी खुलकर मुखर होने लगी है। बुधवार को संतकबीरनगर में जिला योजना समिति की बैठक में सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जमकर मारपीट हुई। सांसद ने विधायक को जूतों से पीटा तो विधायक ने सांसद को चप्पल से मारा। इससे बैठक में अफरातफरी मच गयी और बैठक स्थगित कर दी गयी। पुलिस—प्रशासन के अधिकारियों ने बीच—बचाव करके किसी तरह मामले को शांत कराया।
दरअसल, कलेक्ट्रेट में विकास कार्यों के लिए प्रस्तावित बजट के अनुमोदन के लिए बुधवार को जिला योजना समिति की बैठक बुलाई गई थी। इसमें जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश सरकार के प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन बतौर मुख्य अतिथि बैठे थे। बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद सांसद शरद त्रिपाठी व मेंहदावल विधायक राकेश सिंह बघेल आपस में उलझ गए और स्थिति अराजक हो गयी।
सांसद ने विधायक पर अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के शिलापट्ट पर सांसद का नाम न लिखवाने का आरोप लगाया। इस पर विधायक ने भी सांसद पर ऐसा करने का आरोप मढ़ दिया। बात ही बात में दोनों एक-दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए देख लेने की धमकी देने लगे। इसी बीच अचानक सांसद शरद त्रिपाठी उठे और जूता निकालकर विधायक मेंहदावल राकेश सिंह बघेल को ताबड़तोड़ मारने लगे। गुस्साए विधायक ने भी सांसद को कई तमाचे जड़ दिए।
दो माननीयों के बीच मारपीट होते देख मंत्री, डीएम और विधायक ने बीच बचाव कराया। इसके तुरंत बाद मंत्री आशुतोष टंडन बैठक छोड़कर लखनऊ लौट गए। वहीं विधायक और उनके समर्थक परिसर में सांसद की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। माहौल बिगड़ता देख जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता और अन्य अधिकारियों ने उन्हें समझा कर शान्त कराया। हालांकि इसके बाद भी काफी देर तक परिसर में गहमागहमी बनी हुई थी। उधर भाजपा जिलाध्यक्ष सेतवान राय ने घटना की निंदा की है।
मारपीट के बाद कलेक्टर आवास के बाहर विधायक के समर्थक बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गए। खतरे को देखते हुए भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी को कलेक्ट्रेट के कमरे में बंद रखा गया है। मामला अब इतना बढ़ चुका है कि इलाके की सुरक्षा-व्यवस्था तक खतरे में पड़ गई है। कलेक्ट्रेट के बाहर स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जिले के सात थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है और भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।