वोडाफोन आइडिया, भारतीय एयरटेल और रिलायंस जियो ने मार्च महीने में सरकार को स्पेक्ट्रम की बकाया राशि का भुगतान कर दिया है। हालांकि, रिलयांस कम्युनिकेशंस (Rcom) ऐसा करने में नाकाम रही है।
सूत्रों के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने तीन मार्च को करीब 6,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि कर्ज संकट का सामना कर रही है और दीवालिया प्रक्रिया में जा चुकी रिलायंस कम्युनिकेशंस 21.5 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रही है।
सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि स्पेक्ट्रम बकाया राशि के मद में भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने दूरसंचार विभाग को 3,042.7 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। बकाया राशि के भुगतान की अंतिम तारीख 3 मार्च थी और वोडाफोन-आइडिया ने 2 मार्च को इसका भुगतान कर दिया।
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राइट इश्यू के जरिए वोडाफोन-आइडिया को 25,000 करोड़ रुपये के फंड जुटाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि कंपनी अप्रैल में अपनी अगली किस्त 6,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।
वहीं भारती एयरटेल ने 1,918 करोड़ रुपये जबकि रिलायंस जियो ने 1,053 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान किया। हालांकि रिलायंस कम्युनिकेशंस अपनी बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाई।
सूत्रों के मुताबिक तय समय पर भुगतान नहीं किए जाने के मामले में किसी भी कंपनी को 10 दिनों का ग्रेस मिलता है और इसके बाद भी भुगतान नहीं होने की स्थिति में आगे की कार्रवाई के बारे में विचार किया जाता है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने इस मामले में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वहीं वोडाफोन आइडिया के प्रवक्ता ने भुगतान किए जाने की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने रकम के बार में बताने से इनकार कर दिया।
एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा, ‘एयरटेल ने तय समय के मुताबिक अपनी बकाया राशि का पूर्ण भुगतान कर दिया है।’ वहीं रिलायंस जियो ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
गौरतलब है कि वोडाफोन आइडिया ने इससे पहले कर्ज और बचत खाते पर दबाव का हवाला देते हुए भुगतान के मामले में राहत दिए जाने की मांग की थी। इस साल वोडाफोन की तरफ से कुल 11,900 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने की उम्मीद है।
2010, 2012, 2014, 2015 और 2016 में हुई नीलामी प्रक्रिया में वोडाफोन और आइडिया ने भागीदारी की थी। पांचों नीलामी में वोडाफोन ने अकेले 79,343 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की खरीदारी की थी, जो अन्य कंपनियों के मुकाबले सबसे अधिक था।
वहीं आइडिया ने 63,597 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की खरीदारी की थी। दोनों कंपनियों के बीच अगस्त 2018 में हुए विलय के बाद अब बकाया रकम चुकाने की देनदारी वोडाफोन आइडिया की है।