तो खाली करना होगा हेराल्ड हाउस, एजेएल की याचिका खारिज

केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी, कांग्रेस को हाईकोर्ट से करारा झटका

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने के हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने पिछले 18 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले 11 फरवरी को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि यंग इंडियन कंपनी की स्थापना हेराल्ड हाउस पर कब्जे की नीयत के की गई थी। केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि हेराल्ड हाउस खाली कराने का सरकार का फैसला बिल्कुल सही है।

पिछले 28 जनवरी को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) का स्वामित्व 2011 में यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया गया। एजेएल नेशनल हेराल्ड और यंग इंडियन दोनों की मालिकाना कंपनी है जो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नियंत्रण में है। मेहता ने कहा था कि एजेएल का स्वामित्व ट्रांसफर करने के पीछे लाभ कमाने की मंशा थी। मेहता ने कहा था कि हेराल्ड हाउस से एजेएल केवल किराया वसूली का काम करती थी जबकि ये अखबार छापने के लिए लीज पर दी गई थी। हेराल्ड हाउस से करोड़ों रुपये के किराये की वसूली होती है।

एजेएल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि लीज के निर्धारण के लिए चार शर्तें होती हैं। बिक्री, बंधक, गिफ्ट या उसके अलावा कुछ और। इसमें उसके अलावा का ये मतलब शेयरों की बिक्री नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लीज के अनुबंधों के मुताबिक अभी भी लीज एजेएल के पास है। शेयरहोल्डिंग पैटर्न बदलने का मतलब ट्रांसफर नहीं है। उन्होंने कहा कि एजेएल का सरकार के साथ लीज का मतलब एजेएल के अखबार नेशनल हेराल्ड के सर्कुलेशन की मात्रा या उसकी संपादकीय नीतियों से नहीं है। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने दिल्ली के हेराल्ड हाउस को खाली करने के दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी है। 21 दिसंबर 2018 को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को दो हफ्ते के भीतर हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया था।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com