उज्जैन एक तीर्थ नगरी है। यहां पर्व, तीज, त्योहार, व्रत सभी आयोजन बड़ी आस्था, परंपरा और विधिपूर्वक मनाए जाते हैं। श्रावण मास में तीज-त्योहार की बहार आ जाती है। श्रावण सोमवार सवारी, नागपंचमी, रक्षाबंधन के अवसरों पर इस धार्मिक नगरी में गांव-गांव से आस्था का सैलाब उमड़ता है। इस नगरी में सभी धर्म-संप्रदाय के लोग सामाजिक समरसता और सौहार्द्र के साथ रहते हैं।
12 ज्योतिर्लिंग में भगवान महाकालेश्वर का महत्व तिल भर ज्यादा है। वे इस नगरी के राजाधिराज महाराज माने गए हैं। यहां की शाही सवारी पूरी दुनिया में सुप्रसिद्ध है। इस शहर में जो भी कलेक्टर बन कर आते हैं उनके लिए बड़ी चुनौतियां सामने खड़ी होती हैं। उनकी महती जिम्मेदारी होती है कि जन-भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शहर के विकास कार्यों को गति दें और सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाएं। भगवान महाकाल की शरण में आए बिना इस नगरी का पत्ता भी नहीं हिल सकता यह बात यहां पदस्थ हर कलेक्टर जानते हैं। हिम्मत और साहस के साथ शहर को संभालते हुए धार्मिक आस्था को भी बनाए रखना बड़ी जटिल चुनौती होती है।