दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, दिल्ली के सिर्फ 88 फीसदी स्कूलों में खेल के मैदान और कंप्यूटर सुविधा है। दिल्ली विधानसभा में शनिवार को रखे गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिल्ली के सभी स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए शौचालय, बिजली के कनेक्शन और पीने के पानी की सुविधा है। इनमें पिछले साल की तुलना में सुधार आया है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, प्राथमिक शिक्षा में नेट नामाकंन अनुपात 2015-16 में 93.26 प्रतिशत था जो 2016-17 में गिरकर 92.55 फीसदी हो गया। सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद 2018-19 में सबसे ज्यादा 1.70 प्रतिशत रहा। दिल्ली में, सरकार द्वारा शिक्षा पर प्रति वर्ष, प्रति छात्र खर्च 2018-19 में बढ़कर 66,038 रुपये हो गया, जबकि 2016-17 में यह 54,910 रुपये था।
उसके मुताबिक, 2018-19 में स्कूली शिक्षा के संबंध में अन्य अहम बातों में, 52 स्कूलों का नवीकरण, विभिन्न मौजूदा स्कूलों में 12,748 अतिरिक्त क्लासरूम बनाने के लिए प्रशासनिक खर्च की मंजूरी, पाठ्यक्रम में आनंददायक शिक्षा को शामिल करना और 300 से ज्यादा स्कूलों में नर्सरी कक्षा खोलना शामिल है।
उसमें कहा गया है कि अधिक डिग्री और राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के माध्यम से उच्च शिक्षा के विकास की परिकल्पना की गई है। उच्च शिक्षा के लिए बजट आवंटन को वित्त वर्ष 2017-18 में 352 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2018-19 में 402.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कॉलेज भवनों के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी प्रमुख के तहत 20 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान भी चालू वर्ष में रखा गया है।