जिस मुलाकात का पूरी दुनिया को इंतजार था आखिरकार वो हो ही गई. मंगलवार सुबह सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि ये मुलाकात उम्मीद से भी अच्छी रही.
दोनों नेता जल्द ही किसी डॉक्यूमेंट भी साइन किए. दोनों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा कि दुनिया जल्द ही बड़ा बदलाव देखेगी. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है. इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि नॉर्थ कोरिया जल्द ही परमाणु निशस्त्रीकरण की कार्रवाई तेज करेगा.
अभी कुछ महीने पहले तक दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही थी. लेकिन अब मिजाज पूरी तरह से बदल गया है. दोनों नेता सिंगापुर में पूरे जोश में मिले और द्विपक्षीय बातचीत की.
साथ में किया दोनों ने लंच
दोनों नेताओं के बीच अब तक दो दौर की बातचीत हो चुकी है. इसके अलावा दोनों नेता लंच भी कर चुके हैं. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि किम जोंग से उनकी बैठक उम्मीद से बेहतर हुई है. इसके अलावा दोनों नेता बैठक के बाद रिजॉर्ट के अंदर टहलते हुए भी दिखाई दिए.
41 मिनट चली पहली मुलाकात
सेंटोसा द्वीप के कैपेला रिजॉर्ट में दोनों नेताओं के बीच 41 मिनट तक वन-ऑन-वन मुलाकात हुई. ये मुलाकात कई मायनों में ऐतिहासिक है. अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिला है. वहीं, सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर आए हैं.
ट्रंप और किम ने क्या कहा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किम के साथ बैठकर उम्मीद जताई कि यह शिखर वार्ता ‘जबरदस्त सफलता’ वाली होगी. उत्तर कोरियाई नेता के बगल में बैठकर ट्रंप ने कहा, ‘आगे हमारे रिश्ते बेहद शानदार होंगे. वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, हम बेहद अच्छी चर्चा करने वाले हैं और हमारे रिश्ते शानदार होंगे, इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है.’
उत्तर कोरियाई सर्वोच्च नेता ने कहा कि सिंगापुर में आज हो रही बैठक की राह में कई ‘रोड़े’ थे. उन्होंने बताया, ‘हमने उन बाधाओं को पार किया और आज हम यहां हैं.’
माना जा रहा है कि मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति और एक उत्तर कोरियाई नेता के बीच हो रही यह पहली शिखर वार्ता ट्रंप और किम के बीच कभी बेहद तल्ख रहे रिश्तों को भी बदलने वाली साबित होगी. मुलाकात से पहले अमेरिका ने परमाणु निरस्त्रीकरण के बदले उत्तर कोरिया को ‘विशिष्ट’ सुरक्षा गारंटी की पेशकश की थी.