लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि सीटों के बंटवारे की तरह स्मारकों के पैसे के भुगतान के लिए भी बुआ और भतीजे को शेयर करना चाहिए। यदि बुआ पर पैसा कम पड़ जाए तो भतीजे को पैसा देना चाहिए। वैसे दोनों ने खूब कमाया है। दोनों ने मिलकर प्रदेश को लूटा है। योगी ने कहा कि सपा सरकार ने ही कहा था कि स्मारकों को तोड़कर मैरिज हाल बनवाएंगे। बिजली भी काट दी गई थी लेकिन हमारी सरकार आई तो हमने कहा कि ये स्मारक प्रदेश की जनता के पैसे से बसपा ने बनवाए हैं। इसलिए बिजली फिर जलवाई और उनका संरक्षण किया। बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आया, स्मारकों के संरक्षण के लिए। मैंने कहा कि मैं तो पहले ही कर चुका हूं। तब बसपाई बोले कि हम तो आपको धन्यवाद देने आए हैं। मैंने कहा कि यह बात आपको पहले बोलनी चाहिए थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सरकार में गोमती फ्रंट की लागत कई गुना बढ़ती ही जा रही थी लेकिन 3,465 करोड़ खर्च करके भी इसका काम अधूरा था। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के टेंडर बिना जमीन के 15,200 करोड़ के हो गए थे। मुझे लगा कि दाल में कुछ काला है। हमने 96 फीसदी जमीन अधिग्रहीत करके तकनीकी और फाइनेंशियल बिड एक साथ कराईं तो 11,800 करोड़ में ही अब यह एक्सप्रेस वे बन रहा है। बाकी पैसा कहां जा रहा था? कौन था मिडिल मैन। किसी ने आस्ट्रेलिया तो किसी ने इग्लैंड तो किसी ने भारत में फ्लैट खरीद लिया। बहुत सारी चीजें हैं। सारे तथ्य सामने आने चाहिए। चोरों को चांदनी रात पसंद नहीं कुंभ में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने संपूर्ण विपक्ष की गैरहाजिही में विपक्ष को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चोरों को चांदनी रात पसंद नहीं। 15 साल के कुशासन, भ्रष्टाचार, अराजकता के कारण यूपी पीछे था, अब भाजपा सरकार में फिर से उसने कई कल्याणकारी और विकास की योजनाओं में पहला स्थान प्राप्त किया है। विपक्ष को सरकार की उपलब्धियां और प्रदेश की जनता की खुशहाली अच्छी नहीं लगती। इसलिए विपक्ष तो सदन से भागेगा ही। वह कैसे सामना करेगा? विपक्ष ने अपनी अराजकता और गुंडागर्दी से प्रदेश को लूटा ही नहीं, नोंच डाला। ऐसे लोग हमेशा के लिए सदन से बाहर रहें तो अच्छा रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ ने पूरे देश और दुनियां में यूपी की ब्रांडिंग की। उसकी व्यवस्था को पूरी दुनियां के लोग सराह रहे हैं। उसके सारे काम ई-टेंडरिंग से हुए। इसके बावजूद अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं। वहां के अफसरों की टीम को प्रोत्साहन के बजाए हतोत्साहित करने की कोशिश में लगे हैं। जिनका अभिनंदन होना चाहिए, उनको कठघरे में खड़ा किया जा रहा है लेकिन ऐसे लोगों का नेतृत्व ही जब दिशाहीन हो तो क्या हो सकता है। जो लोग आस्था का सम्मान नहीं कर सकते, उनको सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं। इसीलिए वर्ष 2013 के महाकुंभ में बड़ा हादसा हुआ, जबकि इस बार ज्यादा लोगों के आने पर भी कोई तिनका नहीं हिला। कामनवैल्थ के पैसे से इंग्लैंड में फ्लैट खरीदा गया। वर्ष 2003 से मार्च, 2017 तक यानी सपा-बसपा सरकारों में खनन और स्मारकों के नाम पर लूट की गई। दंगों से प्रदेश की जनता को तबाह किया। ऐसे ही लोग हमें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता है।