शेयर बाजार के बिग बुल और भारत के वारेन बफे के नाम से प्रसिद्ध राकेश झुनझुनवाला को कौन नहीं जानता. शेयर बाजार में उनके निवेश को इस तरह देखा जाता है, जैसे वो जिस शेयर में हाथ डालेंगे तो वह चढ़ जाएगा. उनकी टिप्स को भी निवेशक सबसे ऊपर मानते हैं. लेकिन, शायद ही किसी को पता हो कि मार्केट में उनका गुरु कौन है. राकेश झुनझुनवाला ने इस बात का खुलासा खुद कर दिया है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपने गुरु के बारे में बताया. राकेश झुनझुनवाला के मुताबिक, अपने गुरु की दी शिक्षा की वजह से ही उन्होंने सफलता को छुआ.
कौन है राकेश झुनझुनवाला का गुरु
राकेश झुनझुनवाला के मुताबिक, जिंदगी में उन्हें कई लोगों का साथ मिला. लेकिन, सबसे ऊपर वह अपने पिता को मानते हैं. राकेश झुनझुनवाला ने बताया कि उनके पहले गुरु उनके पिता हैं. राकेश के मुताबिक, पिता ने ही उन्हें जीवन के मूल्यों के बारे में समझाया. राकेश ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें बड़े फैसले लेने में मदद की. उनका मानना था कि बड़े फैसले लेते वक्त हिचकना नहीं चाहिए. FIFA के वार्षिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे राकेश झुनझुनवाला ने कहा पिता के अलावा उनके दूसरे गुरु राधाकिशन दमानी और रमेश दमानी भी रहें हैं. उन्होंने भी कई मौकों पर उनको गाइड किया.
अरबपति निवेशक हैं राधाकिशन दमानी
राधाकिशन दमानी का नाम भी देश के चंद रईसों में शुमार है. वह एक अरबपति निवेशक और बिजनसमैन हैं. डी-मार्ट नाम की रीटेल चेन भी राधाकिशन दमानी की ही है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक, वह दुनिया के 176वें सबसे अमीर शख्स हैं. 8 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ भारत में छठे नंबर पर हैं.
कौन है रमेश दमानी
रमेश दमानी बीएसीई के सदस्य हैं. इसके अलावा उनकी पहचान एक कामयाब निवेशक के तौर पर भी होती है. रमेश दमानी 1989 से शेयर बाजार में काम कर रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि रमेश दमानी ने जब शेयर बाजार में कदम रखा तब सेंसेक्स 800 के लेवल पर था. 1989 के मुकाबले अब यह 55-60 गुना चढ़ चुका है. रमेश दमानी को दलाल स्ट्रीट का नवाब कहा जाता है.
ये भी हैं राकेश झुनझुनवाला के उस्ताद
राकेश झुनझुनवाला के गुरुओं की लिस्ट में एक और नाम शामिल है. ये शख्स हैं कमल काबरा. कमल भी शेयर बाजार के ही एक निवेशक हैं. इसके अलावा राकेश झुनझुनवाला ने एक और शख्स का जिक्र किया. उन्होंने कहा मेरा एक दोस्त था, जो कम उम्र में ही दुनिया छोड़कर चला गया. उसका नाम राजीव शाह था. झुनझुनवाला के मुताबिक, हम 5-6 लोग हमेशा सही करने की सोचते थे. हम लोग कामयाबी के पीछे पागल थे, लेकिन कभी उसे आसान नहीं समझा.
क्या है उनकी सफलता का मंत्र
राकेश झुनझुनवाला के मुताबिक, 1988 में उनकी नेट वर्थ एक करोड़ रुपए थी, जो 1993 में बढ़कर 200 करोड़ हो गई. राकेश कहते हैं कि इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं था कि इस रफ्तार से साल 2000 में उनकी नेटवर्थ 800 करोड़ पहुंच जाएगी. बल्कि, 2002 में भी उनकी संपत्ति 250 करोड़ रुपए ही रही. उन्होंने बताया कि वह अपने पोर्टफोलियो का प्रायः 5 प्रतिशत डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाते हैं. उन्होंने कहा, सितंबर 2001 से सितंबर 2003 के बीच उन्होंने अपने पोर्टफोलियो का 40 फीसदी हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाया था.