पूर्वोत्तर के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू और मणिपुर के एन बीरेन सिंह ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में सोमवार को अपनी आवाज उठाई और राज्यसभा में इसे पारित नहीं करने की गृह मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. बीजेपी के दोनों मुख्यमंत्रियों ने 30 मिनट की बैठक के दौरान गृह मंत्री को पूर्वोत्तर की मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत कराया जहां इस विधेयक के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि पूर्वोत्तर के लोगों को नागरिकता संशोधन विधेयक पर राजी करने से पहले इसे पारित नहीं कराया जाए. साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की सांस्कृतिक एवं भाषाई पहचान के संरक्षण की भी मांग की. अधिकारी ने बताया कि गृहमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को चिंता न करने को कहा और आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के मूल निवासियों के अधिकारों को कमजोर नहीं किया जाएगा.
इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल की बजाय महज छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी. इस विधेयक को शीतकालीन सत्र के दौरान आठ जनवरी को लोकसभा ने पारित कर दिया था और राज्यसभा में इसे मंजूरी मिलना अभी बाकी है. असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का कड़ा विरोध किया जा रहा है.