जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में रविवार सुबह से सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है. यह मुठभेड़ देवसर क्षेत्र के केलम गांव में हो रही है. इलाके में 2-4 आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई गई है. जम्मू और कश्मीर पुलिस के अनुसार सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी.
इस पर सेना की सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया. इसी बीच आतंकियों और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई. इलाके को घेर लिया गया है. साथ ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. दोनों ओर से गोलीबारी लगातार जारी है.
बता दें कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों को जनवरी में बड़ी कामयाबी हाथ लगी थी. कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अल-बद्र के सरगना जीनत उल-इस्लाम सहित दो आतंकवादी मारे गए थे. पुलिस के अनुसार, ‘‘कटपोरा मुठभेड़ में दो आतंकवादी जीनत उल-इस्लाम और शकील डार मारे गए थे. दोनों आतंकवाद से जुडे़ अपराध में शामिल थे.’’
इस्लाम ‘ए++’ श्रेणी का आतंकवादी था जो पिछले साल नवम्बर में हिजबुल मुजाहिद्दीन को छोड़ अल-बद्र से जुड़ा था. दोनों संगठनों के बीच अल-बद्र को मजबूत करने के लिए हुए समझौते के बाद वह इस (अल-ब्रद) आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था.
बता दें कि इससे पहले 6 फरवरी को पुलवामा में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक स्वयंभू जिला कमांडर मारा गया था. पुलिस प्रवक्ता ने बताया था कि पुलवामा जिले के चकोरा इलाके में सेना और पुलिस के एक संयुक्त गश्ती दल पर आतंकवादियों की गोलीबारी के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई थी. प्रवक्ता ने बताया था, ‘‘इसके बाद, मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया. मारे गए आतंकवादी की पहचान एक स्थानीय निवासी इरफान अहमद शेख के रूप में की गई है.’’
आतंकी शेख एलईटी से संबद्ध था और पुलवामा में संगठन के जिला कमांडर के रूप में जाना जाता था. आतंकी अपराधों में उसकी सहभागिता के कारण पुलिस को उसकी तलाश थी. प्रवक्ता ने बताया था कि इरफान शेख का एक लंबा आपराधिक इतिहास था जिसमें उसके खिलाफ कई आतंकी मामले दर्ज थे. ग्रेनेड हमलों सहित इलाके में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर कई आतंकी हमलों और साजिश में वह संलिप्त था.