उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब कांड में अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 42 से ज्यादा लोगों की इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. सहारनपुर जिले के नागल, गागलहेड़ी और देवबंद थाना क्षेत्र के कई गांवों से शुक्रवार (08 फरवरी) को ये खबर आई थी. इस बड़ी लापरवाही पर एसएसपी दिनेश कुमार ने नागल थाना प्रभारी सहित दस पुलिसकर्मी और आबकारी विभाग के तीन इंस्पेक्टर व दो कांस्टेबल सस्पेंड कर दिए हैं. कुशीनगर में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सहारनपुर में 18 लोगों की मौत हो चुकी हैं और कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
एसएसपी ने बताया कि नागल थाना प्रभारी हरीश राजपूत, एसआई अश्वनी कुमार, अय्यूब अली और प्रमोद नैन के अलावा कांस्टेबल बाबूराम, मोनू राठी, विजय तोमर, संजय त्यागी, नवीन और सौरव को सस्पेंड कर दिया गया है. आबकारी के सिपाही अरविंद और नीरज भी निलंबित किए गए हैं.
मृतकों में लगभग सभी मजदूरी करने वाले हैं. एसएसपी का कहना है कि मृतकों का पोस्टमार्टम कराने की तैयारी चल रही है. जहरीली शराब से मृतक संख्या लागातार बढती देख प्रशासन ने गांव दर गांव धार्मिक स्थलों से एलान कराना शुरू किया है कि लोग शराब न पिए. साल 2009 में जहरीली शराब पीने से देवबंद क्षेत्र में 30 लोगों की मौत हो गई थी.
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर और कुशीनगर में अवैध शराब से लोगों की मौत की घटना का संज्ञान ले लिया था. उन्होंने सहारनपुर के साथ कुशीनगर के जिलाधिकारियों को प्रभावित व्यक्तियों की समुचित चिकित्सा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और घटनाओं में मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये और अस्पतालों में उपचार करा रहे प्रभावितों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी.