मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक साथ होने की संभावना से शुक्रवार को इनकार किया. उनका बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने अनुमान लगाया था कि दोनों चुनाव साथ होंगे और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए तैयार रहने का आह्वान किया था. चव्हाण के बयान पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता को भविष्य का अनुमान लगाने की आदत हो गई है, क्योंकि पार्टी में उनके पास कोई काम नहीं रह गया है.
पालघर जिले में एक कार्यक्रम के बाद फड़णवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘अशोकराव को विपक्ष की बेंचों पर फिर से बैठने की हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए. हम चुनाव (क्रमश: उनके निर्धारित) समय पर कराने जा रहे हैं. हमारा (विधानसभा) चुनाव समय से पहले कराने का इरादा नहीं है.’ लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने हैं जबकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर में होने की संभावना है.
कांग्रेस ने किया था एक साथ चुनाव का दावा
कांग्रेस ने दावा किया है कि महाराष्ट्र विधानसभा बजट पेश करने के बाद 28 फरवरी को भंग हो सकती है. ऐसा आगामी लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए किया जा सकता है. औरंगाबाद में गुरुवार रात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि राज्य सरकार इस बार एक साथ चुनाव कराने की योजना बना रही है.
चव्हाण ने कहा, “इस महीने बजट पेश होने के बाद राज्य विधानसभा तत्काल भंग कर दी जाएगी. इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी पार्टी कार्यकर्ताओंको कार्य में जुट जाना चाहिए.” विधानसभा का सप्ताह भर चलने वाला बजट सत्र 25 फरवरी से दो मार्च के बीच आयोजित किया जाएगा. राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि उनकी पार्टी एकसाथ चुनाव कराए जाने की स्थिति का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने भरोसा जताया कि सत्ताधारी भगवा गठबंधन दोनों चुनावों (लोकसभा, विधानसभा) में साफ हो जाएगा.