पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने शुक्रवार को यह कहते हुए आगामी चुनाव नहीं लड़ने का संकेत दिया कि अगले हफ्ते अंतरिम बजट पर जब लोकसभा में चर्चा होगी तब उन्हें संसद में संभवत: अपना आखिरी भाषण देने के लिए पर्याप्त समय मिलने की उम्मीद है. जनता दल (सेकुलर) प्रमुख ने इस बात पर नाखुशी भी प्रकट की कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सात फरवरी को उन्हें लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से अनुरोध के बावजूद सदन में बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया.
85 वर्षीय देवगौड़ा ने कहा कि वह अपना आखिरी भाषण पूरा करने के लिए कांग्रेस पार्टी से भी निचले सदन में उसे आवंटित समय में से कुछ समय उन्हें देने का अनुरोध करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं निराश हूं. मैं (राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने भाषण से) संतुष्ट नहीं हूं. मैंने सिर्फ छह मिनट बोला था कि अध्यक्ष ने मुझे भाषण समाप्त करने के लिए टोक दिया. उसके बाद भी मैं कुछ देर तक बोला लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं.’
देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से अंतरिम बजट और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान के दौरान उन्हें बोलने का मौका देने का विशेष अनुरोध किया था, क्योंकि यह संसद में शायद उनका आखिरी भाषण हो.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने व्यक्तिगत रुप से कभी किसी की आलोचना नहीं की. मैंने किसी की आलोचना करने के लिए नहीं बल्कि बोलने के लिए समय मांगा. मैंने 320 दिनों तक देश पर शासन किया और इस देश के लोग नहीं जानते हैं कि मैंने क्या किया. एक मात्र इरादा उन बातों को साझा करने का था कि जब मैं प्रधानमंत्री था तब मैंने क्या किया, क्योंकि शायद मैं फिर संसद न आ पाऊं.’ देवगौड़ा ने 1996-97 में केंद्र में दस महीने तक गठबंधन सरकार चलाई थी.