मनी लांड्रिंग मामले में फंसे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्राआज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हो सकते हैं. यह मामला कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से विदेशों में संपत्तियां रखने से संबंधित है. जानकारी के मुताबिक, लंदन में 12 ब्रायनस्टन स्कावयर पर 19 लाख पाउंड की संपत्ति की खरीद में कथित रूप से मनी लांड्रिंग जांच से संबंधित है.
जमानत के लिए वाड्रा पहुंचे थे कोर्ट
वाड्रा ने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की अदालत की दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने उन्हें निर्देश दिया था कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच में सहयोग करें. दिल्ली की एक अदालत ने वाड्रा को 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत दी थी. अदालन ने उन्हें निर्देश दिया है कि वह छह फरवरी को स्वयं उपस्थित होकर जांच में शामिल हों. अदालत ने एक लाख रूपये के मुचलके और इतनी ही राशि की निजी जमानत पर वाड्रा को अंतरिम जमानत दी थी.
लंदन संपत्ति मामले में हो सकती है पूछताछ
सूत्रों ने कहा कि जब वाड्रा एजेंसी के समक्ष पेश होंगे तो उनसे लंदन में कुछ अचल संपत्तियों की खरीद और स्वामित्व से संबंधित सौदों के बारे में पूछा जाएगा. उनका बयान मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत दर्ज किया जाएगा.
आज ही लंदन से दिल्ली लौटेंगे वाड्रा
वाड्रा के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वह 6 फरवरी को लंदन से दिल्ली लौटेंगे और जांच में शामिल होंगे. अधिवक्ता के आश्वासन पर संज्ञान लेते हुए विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने छह फरवरी को विदेश से लौटने के बाद वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है
पेट्रोलियम सौदे से जुड़ा है मामला!
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से अदालत में पेश हुए विशेष लोक अभियोजक डी पी सिंह और अधिवक्ता नितेश राणा ने वाड्रा की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया और दावा किया कि 2009 में एक पेट्रोलियम सौदे में उन्होंने रिश्वत ली थी. जांच एजेंसी ने कहा कि उन्हें लंदन में कई नई संपत्तियों की सूचना मिली है जिसके मालिक वाड्रा हैं. इसमें दो घर, छह अन्य फ्लैट और अन्य संपत्ति शामिल है. दोनो घरों की कीमत 50 लाख और 40 लाख है.
इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने राजस्थान के बीकानेर में एक भूमि सौदे के संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन किए जाने के बाद केंद्र सरकार पर राजनीति रूप से पीछे पड़ने और सरकारी विभागों के जरिए उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया. वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में समन को ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ कदम करार देते हुए कहा, ‘मैंने पिछले साढ़े चार वर्षों में पूरा सहयोग किया है. मैं यह करता रहूंगा.’ उन्होंने सरकार पर राजनीतिक रूप से पीछे पड़ने और सरकारी विभागों के जरिये उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया था.