कैरेक्टर एजूकेशन एण्ड फ्यूचर इम्पैक्ट पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सीएमएस में शुरू
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के कैरेक्टर एजूकेशन एवं यूथ इम्पॉवरमेन्ट विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय ‘इण्टरनेशनल कान्फ्रेन्स ऑन कैरेक्टर एजूकेशन एण्ड फ्यूचर इम्पैक्ट’ भव्य उद्घाटन शनिवार को प्रातः सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि, राजेन्द्र कुमार तिवारी, आई.ए.एस., एडीशनल चीफ सेक्रेटरी, माध्यमिक एवं उच्चशिक्षा, उ.प्र., ने रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर जार्जिया, ईरान, कतर, इंग्लैण्ड, अमेरिका एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से पधारे प्रख्यात शिक्षाविदों की उपस्थिति ने उद्घाटन समारोह की गरिमा में चार चांद लगा दिये। इससे पहले, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने देश-विदेश से पधारे शिक्षाविदों का हार्दिक स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भावी पीढ़ी के चरित्र निर्माण एवं उनके उज्जवल भविष्य हेतु शिक्षाविदों का जुटना सुखद एवं संतोषजनक भविष्य का संकेत है। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि राजेन्द्र कुमार तिवारी, आई.ए.एस., ने कहा कि शिक्षा को सार्थक व उपयोगी बनाने के लिए हमें मानवीय गुणों की शिक्षा को महत्ता देनी होगी एवं बालकों में विश्वव्यापी सोच बढ़ानी होगी। बालक-बालिकाओं को प्रसन्न व ऊर्जावान बनाये रखना भी बहुत जरूरी है। श्री तिवारी ने इस सामयिक सम्मेलन के आयोजन हेतु सी.एम.एस. की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उद्घाटन समारोह के उपरान्त देश-विदेश से पधारे शिक्षाविदों ने अलग-अलग प्लेनरी सेशन्स में अपने विचार व्यक्त किये।
अमेरिका से पधारी दारा फेडमैन, फाउन्डिंग चेयरपरसन, वर्चुस प्रोजेक्ट इण्टरनेशनल ने ‘बिल्डिंग कैपेसिटी टु ट्रान्सफार्म सेल्फ एण्ड सोसाइटी’ विषय पर बोलते हुए कहा कि मनुष्य अथाह गुणों की खान है। शिक्षा उसे निखारती है। हमारे जीवन का प्रत्येक क्षण गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। उन्होंने माता-पिता एवं शिक्षकों को सलाह देते हुए कहा कि बच्चों से प्यार से तथा नम्रता से पेश आना चाहिए और सम्मानपूर्वक बात करनी चाहिए, जिससे वे अपने को महत्वपूर्ण समझें तथा अच्छे गुण भी सीखें। इंग्लैण्ड से पधारे ज्योफ स्मिथ, फाउण्डर मेम्बर, यूके एसोसिएशन ऑफ कैरेक्टर एजूकेशन ने ‘कैरेक्टर एजुकेशन एण्ड रिस्पान्सिबल सिटीजनशिप’ विषय पर बोलते हुए कहा कि मनुष्य के प्राकृतिक गुणों के विकास से मानवता का विकास होगा। प्रत्येक बालक में निहित उसके स्वाभाविक गुण को पहचानकर विकसित करने से वह गुणवत्तापूर्ण बन जायेगा।
सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या आभा अनन्त ने कहा कि सी.एम.एस. में जूनियर यूथ इम्पॉवरमेन्ट कार्यक्रम पिछले सात सालों से चल रहा है और इससे बच्चों में गुणों का अद्भुद विकास देखने को मिला है। इसी प्रकार श्री शमीम मोवाहेद, हेड ऑफ म्यूजिक आर्केस्ट्रा, जार्जिया, श्रीमती शिप्रा उपाध्याय, प्रधानाचार्या, सी.एम.एस. राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस), दीपक दलाल, लेखक आदि विद्वजनों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। सम्मेलन के पहले दिन आज अपरान्हः सत्र में देश-विदेश से पधारे शिक्षाविद् एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से भी रूबरू हुए एवं दिल खोलकर सम्मेलन के उद्देश्य एवं उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा की। सम्मेलन में पधारे लगभग सभी शिक्षविदों ने एक स्वर से कहा कि वर्तमान की एकांगी शिक्षा इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम नहीं है और इसके लिए शिक्षा को व्यापक परिवेश में समझना होगा जिसमें भौतिक, सामाजिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक शिक्षा का भी समावेश हो। शिक्षाविदों का कहना था कि आज शिक्षा में नवीनीकरण की बेहद आवश्यकता है। शिक्षा जगत में क्रान्ति के लिए विश्व भर के शिक्षाविदों का समय-समय पर एकजुट होकर विचार विमर्श करना बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।