श्रीनगर से 65 किलोमीटर दूर दशकों से आतंक से प्रभावित जिला बांदीपुरा में एक नया सूरज उग रहा है. बांदीपुरा एक ऐसा जिला रहा है जहां घुसपैठ कर आतंकियों का पहला पड़ाव रहता है, लेकिन अब यहां की तस्वीर बदलने वाली है. युवओं को एक अलग पहचान मिलेगी.
राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर राज्य के पहले ग्रामीण बीपीओ की स्थापना की है. बीपीओ में पहले बैच में 250 स्थानिया युवाओं को रोज़गार मिलेगा और 600 युवओं को आईटी की ट्रेनिंग दी जाएगी. सरकार का मकसद यह है कि बेरोज़गारो पर काबू पाया जा सके.
जिला कमिश्नर बांदीपुरा शहीद इक़बाल चौदरी ने कहा “हमारा प्लान था कि एक बीपीओ यहां बनाया जाए. इसमें लगभग 250 पढ़े-लिखे युवाओं को रोज़गार मिलेगा. कश्मीर में ऐसे हालत नहीं कि बाहर का निवेश यहां लाया जाए और रोज़गार की मांग यहां बहुत ज्याद है इसलिए यह पहल हमने की ताकि निवेश लाया जा सके. यह पायलट प्रजेक्ट हमने शुरू किया जिसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है.”
पहले ग्रामीण बीपीओ का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कश्मीर दौरे के दौरान 3 फरवरी को करेंगे. अब देश की कई कंपनियां कश्मीर में ऐसे बीपीओ में निवेश करने के लिए सामने आ रही हैं और सरकार इरादा रखती है कि ऐसे बीपीओ राज्य के हर ज़िले में खोले जाए ताकि राज्य में पढ़े-लिखे युवाओं को बेरोज़गारी के दीमक से बहार निकला जा सके.
जिला कमिश्नर बांदीपुरा शहीद इक़बाल चौदरी ने कहा, “चूंकि यह एक पायलट प्रोजेक्ट है और सरकार की कोशिश है कि ऐसा हर ज़िले में हो. प्रधानमंत्री का दौरा है 3 फरवरी को है जिसमें इसका उद्घटन श्रीनगर से होगा. बीपीओ बांदीपुरा और इसके साथ एक आईटी स्किल लैब की भी शुरुआत होगी जिसमें 600 बैंचों को ट्रेन किया जाएगा ताकि उनकी प्लेसमेंट बीपीओ में हो. यह पहला कॉल सेंटर है. इसके बाद कंपनिया चाहती हैं कि उनको जगह दी जाए ताकि वो बड़े बीपीओ स्थापित कर सके.”
इस बीपीओ के खुलने से युव बेहद खुश दिख रहे हैं. उनका मानना है कि ऐसे क़दमों से घाटी में बेरोज़गारी खत्म होगी. केवल बांदीपुरा में ही नहीं बल्कि सभी ग्रामीण इलाकों में यह युवाओं के लिए यह मददगार साबित होगा. युवा पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकते हैं और अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकते हैं. रोज़गार ही नहीं बल्कि युवाओं को विजन भी बढ़ेगा और और सिखने को मिलेगा.
तहमीना नौशीन 10वीं की छात्रा कहती हैं, “यह हमारे लिए बहुत लाभदायक है. केवल बांदीपुरा के लिए ही नहीं बल्कि सभी ग्रामीण इलाकों में यह बेरोज़गारी हटने में मददगार साबित होगा.” छात्र मसूर कहते है, “कश्मीर में हालत बहुत ख़राब रहते हैं और जो छात्र हैं वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकते है, और यह एक पार्ट टाइम जॉब है और एक युवा अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकते है. यह बहुत गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन कर रहे हैं.”
छात्रा सोहलाये कहती हैं, “इसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेग. आईटी में साथ ही रोज़गार भी मिलेगा. मुझे गर्व है कि मैं उस बीपीओ का हिस्सा हूं जिसमें प्रधानमंत्री हिसा ले रहे हैं.” युवा पीरज़ादा यासीन कहते हैं, “जहां तक इस कदम का सवाल है, यह केंद्र का एक बहुत अच्छा कदम है. हम सबको पता है कि समाज की तकदीर युवाओं के हाथ में होती है. युवा गेम चैंजेर होते हैं. अगर युवा बेरोज़गार हो बहुत सी सामाजिक बुराई वहीं से जन्म लेती हैं, इसलिए उन्हें रोज़गार देकर सही रस्ते पर लाया जा सकता है.”