प्रयागराज : संगमतट, प्रयागराज में कुम्भ के मद्देनजर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया गया है। गंगा नदी के अविरल एवं निर्मल प्रवाह हेतु टिहरी जलाशय से निरन्तर पानी छोड़ा जा रहा है तथा स्नान हेतु गंगा नदी के जलस्तर को स्थिर रखा गया है। उक्त बातें उ.प्र के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बुधवार को कुम्भ मेला क्षेत्र में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के शिविर में विभागीय कार्यों के प्रगति की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कही। उन्होंने कहा कि गत सप्ताह गंगा नदी के जल संग्रहण क्षेत्र में व्यापक वर्षा होने पर बैराजों के माध्यम से जल प्रवाह को नियंत्रित किया गया है। बैराजों द्वारा जल नियंत्रण के प्रबन्धों की जानकारी देते हुए बताया कि हरिद्वार से बिजनौर तक हुयी वर्षा को बिजनौर बैराज द्वारा, बिजनौर से कानपुर तक हुई वर्षा को कानपुर बैराज द्वारा नियंत्रित किया गया है तथा कानपुर से प्रयाग तक हुयी वर्षा को डलमऊ पम्प नहर को चलाकर नियंत्रित किया गया है।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि एक ओर गंगा नदी के किनारे बसे कुम्भ मेला के बसाहट को जलभराव से बचाने एवं सुरक्षा की दृष्टि से पम्प नहर द्वारा एवं अन्य सामान्य दिनों में गंगा के जलस्तर को बनाये रखने के लिए टिहरी जलाशय से समय-समय पर जल छोड़ा जा रहा है। वर्तमान समय में कानपुर बैराज से निरन्तर 8000 क्यूसेक जल छोड़ा जा रहा है। कुम्भ मेले में स्नान हेतु छोड़े जा रहे जल का विवरण देते हुए बताया कि 29 जनवरी को 8000 क्यूसेक पानी तथा आज भी 8000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने नहरों की सफाई एवं जल प्रवाह को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में राजस्व मण्डल प्रयागराज के अन्तर्गत जनपद कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ तथा प्रयागराज है और इन जनपदों में कुल 1102 नहरें हैं। जनपद कौशाम्बी एवं फतेहपुर में रामगंगा की नहरें तथा प्रतापगढ़ में शारदा सहायक की नहरें व जनपद प्रयागराज में सोन संगठन की नहरें हैं जिनकी कुल लम्बाई लगभग 5913.813 किमी है। वर्तमान फसली वर्ष में 1195.26 किमी राजवहा तथा 862.23 किमी अल्पिका की सिल्ट सफाई करायी जा चुकी है और यह अपने निर्धारित लक्ष्य का 103 प्रतिशत तथा गत वर्ष से 54 प्रतिशत अधिक है।