लखनऊ : संजय गांधी पीजीआई के कर्मचारियों एवं चिकित्सकों को एम्स के समान भत्ते देने का प्रस्ताव पास होने से मंगलवार शाम एसजीपीजीआई में जश्न सा माहौल रहा। चिकित्सकों एवं कर्मचारियों ने कहा कि इस प्रस्ताव को पारित करके कैबिनेट में एसजीपीजीआई का सम्मान लौटाया है। किसी ने इसे कुंभ का पुण्य बताया तो किसी ने प्रयागराज का आशीर्वाद। कहा कि इससे कर्मचारियों एवं चिकित्सकों का मनोबल बढ़ेगा। प्रयागराज में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिपरिषद ने एसजीपीजीआई के संकाय सदस्यों एवं गैर संकाय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के समान वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएं देने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी।
इस पर फैकल्टी फोरम के प्रेसीडेंट प्रोफेसर अशोक कुमार एवं सेक्रेटरी प्रोफेसर एमएस अंसारी ने सरकार का आभार जताया। कहा कि इससे चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का उत्साह बढ़ेगा। कोषाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष यादव ने कहा कि इस प्रस्ताव के पारित होने से शिक्षकों एवं कर्मचारियों में खुशी है। अब जल्द से जल्द बकाये भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू की जानी चाहिए। कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष सावित्री सिंह ने कहा कि मंत्रिपरिषद के इस फैसले से एसजीपीजीआई कर्मचारियों को कुंभ का पुण्य प्राप्त हुआ है। इसी तरह जितेंद्र यादव, सतीश मिश्रा, रेखा मिश्रा ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया।
कर्मचारियों ने कहा कि इस फैसले से सरकार ने साबित किया कि निदेशक प्रोफेसर राकेश कपूर और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. रजनीश दुबे के जरिए भेजवाया गया संदेश सच था। कर्मचारी नेता सीएल वर्मा, धर्मेश कुमार, अमर सिंह, केके तिवारी, आरके बाजपेयी आदि नेताओं ने भी निदेशक और मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है। आपको बता दें कि एम्स के समान वेतन भत्ते की मांग को लेकर कर्मचारियों ने चार जनवरी को हड़ताल कर दी थी और 28 को दोबारा हड़ताल करने जा रहे थे। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने 31 जनवरी तक समय मांगा था। इसी तरह चिकित्सकों ने भी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी।