बलोच रिपब्लिकन पार्टी (BRP) के कार्यकर्ताओं ने लंदन में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर सात दिन का अवेयरनेस कैंपन चलाया। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर किए गए इस प्रदर्शन में बलुचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा हो रहे कत्ल-ओ-आम और मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को उठाया गया।
बीआरपी के मुख्य प्रवक्ता शेर मोहम्मद बुगती ने अपने वक्तव्य में बताया कि यह मुहिम 19 जनवरी से शुरू होकर 26 जनवरी तक चली। इस दौरान प्रदर्शन के अंतिम दिन पश्तून तहाफुज मूवमेंट (PTM) और फ्री बलुचिस्तान मूवमेंट (FBM) ने भी हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए बीआरबी नेता मंसूर बलोच ने ब्रिटिश सरकार से पाकिस्तान में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को लेकर उस पर दबाव बनाने की अपील की है। उन्होंने ब्रिटिश सरकार से अपील की है कि वह सैकड़ों बलोच जो कई सालों से गायब हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द रिहा कराने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएं।
लंदन में पश्तूनों की लड़ाई लड़ रहे PTM कार्यकर्ता फलक नियाज खान भी BRP कार्यकर्ताओं के साथ दिखे और उन्होंने बताया कि पश्तूनों को भी पाकिस्तान में बलोचों की तरह ही दुश्वारियों से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि हजारों पश्तून भी पाकिस्तान में गायब हैं, इसके बावजूद हमें बलोचों के दर्द का भी ऐहसास है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना बलोच और पश्तून समुदाय के लोगों पर अत्याचार कर रही है।