प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (27 जनवरी) देशवासियों से अपने रेडियो कार्यक्रम के जरिये 2019 की पहली ‘मन की बात’ कर रहे हैं. मन की बात कार्यक्रम का यह 52वां संस्करण है. पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी का जिक्र किया. उन्होंने कहा ‘बीती 21 तारीख को एक शोक का समाचार मिला. कर्नाटक में टुमकुर जिले के श्री सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी हमारे बीच नहीं रहे. स्वामी जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज-सेवा में समर्पित किया था.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन किया
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की इस महान धरती ने कई महापुरुषों को जन्म दिया है. ऐसे महापुरुषों में से एक थे-नेताजी सुभाष चन्द्र बोस. 23 जनवरी को पूरे देश ने एक अलग अंदाज में उनकी जन्म जयन्ती मनाई. लाल किले में नेताजी के परिवार के सदस्यों ने एक बहुत ही खास टोपी मुझे भेंट की. कभी नेताजी उसी टोपी को पहना करते थे. मैंने संग्रहालय में ही, उस टोपी को रखवा दिया, जिससे वहां आने वाले लोग भी उस टोपी को देखें और उससे देशभक्ति की प्रेरणा लें.
‘लाल किले के संग्रहालय जाएं’
पीएम मोदी ने कहा ‘लाल किले में एक दृश्यकला संग्रहालय भी बनाया गया है. संग्रहालय में 4 ऐतिहासिक प्रदर्शनियां हैं, वहां तीन सदियों पुरानी 450 से अधिक पेंटिंग और कलाकृतियां मौजूद हैं. आप वहां जाएं और गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के कार्यों को अवश्य देखें.’ गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर को सभी लेखक और संगीतकार के रूप में जानते हैं. उन्होंने कई विषयों पर पेंटिंग्स भी बनाईं, खास बात ये है कि उन्होंने अपने अधिकांश कार्यों को कोई नाम ही नहीं दिया. उनका मानना था कि उनकी पेंटिंग देखने वाला खुद ही उस पेंटिंग को समझे.
‘जरूर वोट डालें’
पीएम मोदी ने आगामी लोकसभा चुनावों के संबंध में देशवासियों से वोट डालने की अपील की. उन्होंने देश के युवा मतदाओं से अपील की कि वे खुद को मतदाता के रूप में जरूर पंजीकृत कराएं और वोट डालें. उन्होंने चुनाव आयोग की सराहना करते हुए कहा ‘मैं, आज भारत के चुनाव आयोग के बारे में बात करना चाहता हूं जो हमारे देश की बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था है, जो हमारे गणतंत्र से भी पुरानी है. 25 जनवरी को चुनाव आयोग का स्थापना दिवस था, जिसे ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
पीएम मोदी ने कहा ’19 फरवरी को रविदास जयंती है. संत रविदास जी के दोहे बहुत प्रसिद्ध हैं. गुरु रविदास जी का जन्म वाराणसी में हुआ था. संत रविदास जी ने अपने संदेशों के माध्यम से अपने पूरे जीवनकाल में श्रम और श्रमिक की अहमियत को समझाने का प्रयास किया.’