देश-दुनिया के सामने एकता दिखाने की ‘तेज ब्रदर्स’ की कोशिशें सफल नहीं हो पा रही हैं. ताजा उदाहरण कर्पूरी ठाकुर जयंति समारोह में देखने को मिला. जहां दोनों भाइयों ने अपनी तरफ से आंदोलन चलाए जाने की बात तो कही लेकिन दोनों के आंदोलन का मुद्दा एक नहीं हो सका. हलांकि इशारों ही इशारों में तेजप्रताप ने तेजस्वी को संदेश दे दिया कि बिना कृष्ण के अर्जुन युद्ध में विजय नहीं हो सकता है.
‘तेज ब्रदर्स’ की दूरियां नजदीकियों में तब्दील नहीं हो पा रही हैं. दुनियां के सामने पैर छूना, गले मिलना, एक दूसरे को माला पहनाना दोनों भाइयों के मेल-मिलाप का हिस्सा बन चुका है लेकिन दोनों के दिल नहीं मिल पा रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर की जयंति समारोह के अवसर पर कार्यक्रम के दौरान भाषण देने पहले तेजप्रताप यादव आए. तेजप्रताप ने कार्यक्रम में अपने एलपी मूवमेंट की चर्चा की. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के पटना में नहीं रहने के कारण ही उन्होंने अपना एलपी मूवमेंट स्थगित कर दिया था. अब तेजस्वी पटना आ चुके हैं तो उन्हें एलपी मूवमेंट की तारीख बतानी चाहिए. हालांकि तेजस्वी ने तेजप्रताप के एलपी मूवमेंट शुरू करने की तारीख को लेकर अपने भाषण में कोई जिक्र तक नहीं किया.
तेजप्रताप यादव ने लालू प्रसाद को जेल से छुड़ाने के लिए एलपी मूवमेंट चलाने का ऐलान किया है. इस मूवमेंट के तहत ‘जेल भरो आंदोलन’ भी होगा. इस मूवमेंट को सफल बनाने के लिए तेजप्रताप ने लोगों से हाथ उठाकर जेल भरने की अपील भी की लेकिन इस अपील में उन्हें तेजस्वी यादव का साथ नहीं मिला. खुले मंच से उन्होंने तेजस्वी को इस बात के लिए टोका भी कि आखिर वो उनके साथ जेल जाने के लिए तैयार क्यों नहीं हैं. तेजप्रताप ने बातों ही बातों में ये भी कह दिया कि बिना कृष्ण के अर्जुन की युद्ध में जीत हासिल नहीं हो सकती है. तेजप्रताप ने कहा कि वो तेजस्वी को हमेशा बोलते हैं कि संकट से घबराएं नहीं बल्कि कृष्ण को याद करते रहें. कृष्ण ही उनका बेड़ा पार लगाएंगे.
कार्यक्रम के अंत में तेजस्वी यादव भाषण देने पहुंचे. तेजस्वी यादव ने भी जल्द आंदोलन करने की घोषणा की लेकिन तेजस्वी के आंदोलन का मुद्दा पिछड़ो-दलितों के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाना और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है. तेजस्वी यादव ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग की. तेजस्वी इन्हीं मुद्दों पर अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने वाले हैं. अपने भाषण में तेजस्वी ने तेजप्रताप के एलपी मूवमेंट का एकबार भी जिक्र नहीं किया.
कार्यक्रम की मंच-सज्जा में भी तेजप्रताप के साथ भेदभाव नजर आया. कार्यक्रम के मुख्य बैनर में तेजप्रताप यादव को जगह नहीं दी गई जबकि लालू-राबड़ी के साथ बैनर में सिर्फ तेजस्वी की तस्वी नजर आई. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव के बैठने के लिए तेजप्रताप से ज्यादा उंची कुर्सी मुहैया कराई गई. तेजप्रताप ने खुलकर इन चीजों पर टिप्पणी तो नहीं कि लेकिन अपने भाषण के क्रम में ये कहकर अपनी मंशा जता दी कि बिना कृष्ण के अर्जुन अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा. ऐसे में दो सोच को लेकर आगे बढ़ने वाले तेज ब्रदर्स अपनी लड़ाई को किस तरह मुकाम तक पहुंचा पाते हैं देखना दिलचस्प होगा.