नई दिल्ली : एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से जस्टिस एके सीकरी ने खुद को अलग कर लिया है। इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी इस पर सुनवाई से खुद को अलग कर चुके हैं। जस्टिस सीकरी उस हाईपावर कमेटी में चीफ जस्टिस से नामित होने के बाद शामिल थे, जिसने आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर से हटाने का फैसला लिया था। इस पर काफी विवाद भी हुआ था। आज जस्टिस सीकरी ने कहा कि याचिका में सवाल अहम है, काश मैं इस पर सुनवाई कर पाता। लेकिन ‘कुछ वजहों’ से खुद को सुनवाई से अलग कर रहा हूं। पिछले 21 जनवरी को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। चीफ जस्टिस ने कहा था कि वे 24 जनवरी को सीबीआई डायरेक्टर के चयन के लिए सेलेक्शन कमेटी की बैठक में शामिल होने वाले हैं, इसलिए वे इस मामले की सुनवाई नहीं करेंगे।
याचिका एनजीओ कॉमन कॉज और अंजलि भारद्वाज ने दायर की है। एनजीओ कॉमन कॉज ने वकील प्रशांत भूषण के ज़रिए दाखिल याचिका में बिना चयन समिति की मंजूरी के नियुक्ति को गलत बताया गया है। उन्होंने नागेश्वर राव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप होने की दलील भी दी है। याचिका में सीबीआई डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया को वेबसाइट पर डाला जाए। वेबसाइट पर दी गई सूचना में सेलेक्शन कमेटी की मिनट्स को भी अपलोड किया जाए। याचिका में इस पद के लिए चुने हुए लोगों के नाम वेबसाइट पर डालने का निर्देश दिया ताकि आम लोगों को अगर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कोई सूचना हो तो दे सके।