पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपए का घोटाला करके भारत से भाग चुका कारोबारी मेहुल चौकसी ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है. इसके साथ ही मेहुल चौकसी के भारत प्रत्यपर्ण की कोशशों को झटका लगा है. मेहुल चौकसी ने एंटीगा हाईकमीशन में भारतीय पासपोर्ट को जमा करा दिया है. पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा कराया गया है. नागरिकता छोडने के लिए 177 यूएस डालर का ड्राफ्ट भी जमा कराया है. अब देखना होगा कि मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार कौन सा रास्ता अख्तियार करती है.
विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना दी है. नागरिकता छोडने वाले फार्म में चौकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगा लिखा है. हाईकमीशन को कहा कि उसने नियमों के तहत एंटीगा की नागरिकता ली और भारत की छोड़ी है.
मेहुल चौकसी भारतीय नागरिकता छोड़कर प्रत्यपर्ण की कार्रवाई से बचना चाहता है. चौकसी की इस बाबत एंटीगा की कोर्ट में 22 फरवरी को सुनवाई है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों से मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मालूम हो कि पीएनबी घोटाले का दूसरा आरोपी नीरव मोदी लंदन में रह रहा है.
‘भारत लौटना संभव नहीं है’
करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी गीतांजलि समूह के प्रमोटर मेहुल चौकसी ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों और पासपोर्ट रद्द होने की वजह से उनका भारत लौटना ‘असंभव’ है. कथित धोखाधड़ी की जांच कर रही सीबीआई को 7 मार्च को लिखे एक पत्र में चौकसी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच प्रक्रिया की आलोचना की और उनके और उनके परिवार के खिलाफ कानून के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया. चौकसी को सीबीआई के समक्ष 7 मार्च को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि वह अपने व्यापार के सिलसिले में विदेश यात्रा पर हैं और उनकी यात्रा जांच एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले ही शुरू हो गई थी.
चौकसी ने अपने सात पन्नों के पत्र में कहा, “भारत लौटना मेरे लिए असंभव है. मैं बताना चाहता हूं कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय मुंबई ने मुझे कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है कि मेरा पासपोर्ट क्यों रद्द किया गया है और मैं भारत की सुरक्षा के लिए कैसे खतरा हूं.”
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने स्वास्थ्य और अच्छे होने को लेकर चिंतित हूं क्योंकि मुझे डर है कि भारत में मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मेरे पसंद के अस्पताल में इलाज कराने नहीं दिया जाएगा.’ चौकसी ने कहा, ‘मुझे वहां अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलेंगी और केवल सरकारी अस्पताल में इलाज कराने दिया जाएगा. जेल में बंद किसी अपराध के आरोपी को उसकी पसंद का डॉक्टर नहीं मिलता.’ भगोड़े व्यापारी ने कहा, ‘मेरी मौजूदा स्वास्थ्य हालत मुझे अगले चार से छह माह के लिए यातायात की इजाजत नहीं देती.’ चौकसी ने कहा, ‘मेरी संपत्तियों और बैंक खातों को जब्त करने और भारत में उनके सभी कार्यालयों को बंद करने से उनके व्यापार पर बुरा असर पड़ा है.’