शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन में पड़ी दरार को पाटने की कोशिश में भले ही खुद अमित शाह जुटे हों लेकिन उद्धव ठाकरे नरमी बरतने के मूड में नहीं हैं. शिवसेना ने उद्धव ठाकरे और अमित शाह की बुधवार को हुई मुलाकात के बाद आज कहा कि वह अपने दम पर 2019 का चुनाव लड़ेगी. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, ”अमित शाह का एजेंडा हमें पता है लेकिन शिवसेना पहले ही प्रस्तावपारित कर कह चुकी है कि वह अकेले आगामी चुनावों में उतरेगी. इस प्रस्ताव में कोई बदलाव नहीं होगा.”
अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात से पहले कहा था कि शिवसेना और बीजेपी 2019 ही नहीं 2024 का लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ेगी. शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी है. हालांकि वह काफी समय से नाराज चल रही है. शिवसेना किसान, बढ़ती महंगाई, पाकिस्तान नीति, एफडीआई, राम मंदिर और सरकार में अधिक भागीदारी जैसे मुद्दों पर लगातार बीजेपी खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा रही है. हाल ही में पालघर में हुए लोकसभा उपचुनाव में शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग होकर चुनाव लड़ी थी. शिवसेना पर शरद पवार की पार्टी एनसीपी भी डोरे डाल रही है.
उद्धव-अमित मुलाकात की खास बातें
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कल करीब दो घंटे तक उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित आवास मातोश्री में बातचीत की. सूत्रों के मुताबिक, मुलाकात के दौरान कैबिनेट विस्तार और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई. सूत्रों का दावा है कि अमित शाह ने नाराज उद्धव ठाकरे को मना लिया है. बैठक में उद्धव और अमित शाह के अलावा उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस भी शामिल हुए थे. चारों के बीच बंद कमरे में चर्चा हुई.
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ऐसे समय में जब विपक्ष दल एकजुट होने की कोशिश में जुटी है, शिवसेना की तल्खी बीजेपी को मुश्किलों में डाल सकती है. शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान टूट गया था और सूबे में कोई भी दल पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी. जिसके बाद बीजेपी ने शिवसेना के समर्थन से सरकार बनाई.