जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. मौलाना ने निजी कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है. मौलाना महमूद मदनी के इस्तीफे की खबर ने इस्लामी जगत और जमीयत पदाधिकारियों में हलचल मचा दी है.
मौलाना महमूद मदनी ने तीन लाइन के पत्र में लिखा है कि वह निजी कारणों के चलते अपने पद से त्यागपत्र दे रहे हैं. जमीयत के लेटर पेड पर जारी इस्तीफे में 15 जनवरी की तारीख अंकित है. मदनी का यह इस्तीफा भले ही बुधवार को जारी हुआ हो, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह त्यागपत्र मंगलवार देर रात मौलाना महमूद मदनी द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी को भेज दिया गया था.
सूत्रों के मुताबिक, संगठन में आपसी तनाव के चलते मदनी ने त्यागपत्र दिया है. जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी ने बताया कि काफी समय से महमूद मदनी इस्तीफे की पेशकश कर रहे थे.
सूत्रों का कहना है कि वह पिछले काफी दिनों से संगठन में ही एक बड़े पदाधिकारी से खफा चल रहे थे. इसको लेकर कई बार नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने पद से त्यागपत्र देने की बात भी कही थी. लेकिन हर बार उन्हें समझाकर मना लिया जाता था. इस बार मदनी उक्त पदाधिकारी से इतने खफा हो गए कि उन्होंने अध्यक्ष कारी उस्मान मंसूरपुरी को इस्तीफा भेजकर अपनी हद से ज्यादा नाराजगी को जाहिर कर दिया.
वहीं, नाराज लोगों को मनाने के लिए दिल्ली में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी समेत संगठन के पदाधिकारियों ने शिरकत की.