वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने गुरुवार को भारी विवादों के बीच दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ ली. मादुरो (56) को उच्चतम न्यायालय के प्रमुख माइकेल मोरेनो ने पद की शपथ दिलाई. काराकस में आयोजित शपथ ग्रहण में सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे. मादुरो के शपथ ग्रहण समारोह का यूरोपीय संघ, अमेरिका और वेनेजुएला के दक्षिण अमेरिका के पड़ोसी देशों ने बहिष्कार किया है.
बता दें निकोलस मादुरो पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पद छोड़ने का दबाव है, जिसके चलते एक कई लैटिन अमेरिकी देशों की सरकार सहित कनाडा ने मादुरो के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर अपना गहरा विरोध जताया है.
बता दें अमेरिकी सरकार पहले ही मादुरो के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुकी है, जबकि क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल और बोलीविया के राष्ट्रपति इवो मोरालिस ने मादुरो के दूसरे कार्यकाल का समर्थन किया है. बता दें वेनेजुएला इस समय भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते देश में पलायन की स्थिति लगाताल बनी हुई है, लेकिन इन सब के बावजूद सरकारी अनुदान प्राप्त करने वाले लोगों ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने का समर्थन किया है.