दिल्ली: इस माह के अंत तक देश में दवाओं की कीमतें तय करने के मामले में एक व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है. इस बदलाव के लिए सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में एक नए प्राइस इंडेक्स को भी शामिल करने कि बात है. सरकार द्वारा लाया गया यह प्राइस इंडेक्स फार्मास्युटिकल प्रॉडक्ट्स के लिए होगा, जो भारत में बिकने वाली सारी दवाओं के कीमत निर्धारण के लिए बेंचमार्क का काम करेगा.
बता दें कि इनमें वे दवाएं भी शामिल होंगी जो फिलहाल ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर में नहीं आती हैं. ज्ञात हो कि अब भी सरकार जनहित की करीब-करीब सारी दवाओं की कीमतों को बाहरी तोर से नियंत्रित करती ही है. देश कि लगभग 850 जरूरी दवाओं की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण पहले से ही है.
गौरतलब है कि भारत में दवाओं की कीमतों का नियामक नैशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी इन दवाओं को कीमतों को थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर सालाना के हिसाब से तय करता ही है. इसके अलावा कंपनियों को अन्य दवाओं की कीमत बढ़ाने का अधिकार है लेकिन यह बढ़ोतरी सालाना 10 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव फाइनल स्टेज में है और जून में फार्मास्युटिकल्स डिपार्टमेंट इसे नोटिफाई भी कर देगा.