नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के विषय पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम नहीं है और पुनर्विचार के लिए मामला लाया गया है। ऐसे में दमन की नीति से आस्था को दबाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले की रिव्यू फाइल ओपन कोर्ट में सुनने को तैयार हो गया है। अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं आया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केरल सरकार का प्रयत्न दमन और अत्याचार कर महिला को वहां भेजने का है, जो कि सही नहीं है। सरकार सहमति बनाने की बजाय आस्थावान लोगों से लड़ने का प्रयास कर रही है। जिन दो बहनों ने मन्दिर में प्रवेश किया हैं वह वामपंथी विचारधारा से जुड़ी हैं और उनका अर्चना और पूजा का भाव नहीं था। आलोक कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए और इस पर व्यापक सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिए।