तिजुआना। मेक्सिको की सीमा तिजुआना पर नववर्ष के दिन अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। इस दौरान 25 आव्रजकों को गिरफ्तार भी किया गया। अमेरिका की सीमा गश्ती एजेंसी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि सीमा पार करने की कोशिश कर रहे आव्रजकों के अलावा पत्थरबाजों को निशाना बनाते हुए आंसू गैस के गोलों छोड़े गए।
एजेंसी के बयान के मुताबिक,‘बच्चों और सीमा पर मौजूद किसी भी आव्रजक पर आंसू गैस के गोलों का असर नहीं पड़ा। इनका इस्तेमाल पत्थरबाजों को पीछे हटाने के लिये किया गया था।’ वहीं, समाचार एजेंसी के फोटोग्राफर का कहना है कि तिजुआना के तट के नजदीक गैस के 3 गोले छोड़े गए। इसका बच्चों, महिलाओं और पत्रकारों समेत कई आव्रजकों पर बुरा असर पड़ा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका की ओर से आंसू गैसे के गोले छोड़े जाने के बाद पत्थरबाजी शुरू हुई। एजेंसी ने कहा कि कुछ बच्चे कंटीले तार पार करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पत्थरबाजी के चलते अमेरिकी एजेंट्स उनकी मदद नहीं कर सके। इसके बाद एजेंट्स ने मिर्च और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया। एजेंसी ने कहा कि 25 आव्रजकों को हिरासत में लिया गया है जबकि अन्य आव्रजक वापस मेक्सिको चल गए।
एक पत्रकार के मुताबिक सोमवार रात करीब आठ बजे तकरीबन 150 लोगों का एक समूह प्लायस डि तिजुआना में सीमा के नजदीक जमा हुआ जहां अमेरिकी सीमा रक्षक गश्त कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सीमा पार करने की कोशिश की, जिसके जवाब में सीमा रक्षकों ने उनपर गोले दागे। अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा एजेंसी (सीबीपी) ने कहा कि 45 आव्रजक वापस मैक्सिको चले गए हैं।
नवंबर में 500 आव्रजकों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले
बता दें कि नवंबर में सैन डिएगो की घटना के बाद यह ऐसा दूसरा मामला है। इससे पहले नवंबर के आखिर में भी तिजुआना इलाके में अमेरिकी सीमा अधिकारियों ने सीमापार करने की कोशिश कर रहे करीब पांच सौ आव्रजकों पर आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां दागी थीं।
मैक्सिको सीमा पर दीवार के लिए बजट को लेकर आंशिक शटडाउन
वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में मैक्सिको सीमा पर दीवार के लिए बजट को लेकर शुरू हुआ आंशिक शटडाउन अब भी जारी है। इसे खत्म कराने के लिए डेमोक्रेट सांसद वोटिंग कराएंगे। बृहस्पतिवार को प्रतिनिधि सभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा के बाद वोटिंग करवाई जाएगी। हालांकि दीवार बनाने के लिए धन की व्यवस्था न होने से विधेयक का भविष्य अधर में ही दिख रहा है। क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों पर लगाम लगाने के लिए पैसे जारी करने की मांग पर अड़े हैं।