नई दिल्ली : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (यूएफबीयू) के सदस्यों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रस्तावित विलय के खिलाफ बुधवार को जंतर- मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर बैंककर्मियों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार के अड़ियल रुख के कारण ही आज देश भर में बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी एवं अधिकारी हड़ताल पर हैं। यूएफबीयू के अमित पांडेय ने कहा कि हम देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक के प्रस्तावित विलय के खिलाफ हैं। इसी मुद्दे को लेकर आज हम लोग यहां पर आएं हैं ताकि सरकार इसका संज्ञान ले।
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा सरकारी बैंकों के विलय करने का प्रस्ताव ठीक नहीं है। उन्होंने ने कहा सरकार बैंकिंग में घाटे का तर्क देकर विलय के निर्णय को सही ठहरा रही है, जो बिल्कुल गलत है। यह घाटा खुद सरकारी नीतियों के चलते हो रहा है, जोकि एनपीए का बड़ा कारण है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस आंदोलन में देश की नौ बड़ी बैंक यूनियन शामिल हैं। हम सभी बैंक कर्मचारी और अधिकारी चाहते है कि सरकार की गलत नीतियों में सुधार किया जाए और बैंकों के विलय को रोका जाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विलय के मामले में सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है।