प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा है, हम सबके प्रिय, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए 2.11 मिनट का एक वीडियो शेयर किया, जिसे अब तक 32.1 हजार लोग देख चुके हैं.
‘आज भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. ये देश अटल जी के योगदान को कभी नहीं भूला सकता. उनके नेतृत्व में हमने परमाणु शक्ति में भी देश का सिर ऊपर किया. पार्टी नेता हो, संसद सदस्य हो, मंत्री हो या प्रधानमंत्री हो. अटल जी ने प्रत्येक भूमिका में एक आदर्श को प्रतिष्ठित किया. अटल जी की वाणी सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की आवाज नहीं बनी थी. अटल जी बोल रहे हैं मतलब देश बोल रहा है, अटल जी बोल रहे हैं मतलब देश सुन रहा है. अटल जी बोल रहे हैं मतलब अपनी भावनाओं को नहीं, देश के जन-जन की भावनाओं को समेटकर उन्हें अभिव्यक्ति दे रहे हैं और उसने सिर्फ लोगों को आकर्षित किया, प्रभावित किया इतना नहीं है… लोगों के मन में विश्वास पैदा हुआ.’
उन्होंने आगे कहा, ‘ये विश्वास शब्द समूह से नहीं, उसके पीछे एक 5-6 दशक के जीवन की लंबी साधना थी और जब देशहित की जरूरत थी, लोकतंत्र बड़ा कि मेरा संगठन बड़ा, लोकतंत्र बड़ा की मेरा तंत्र बड़ा, लोकतंत्र या नेतृत्व बड़ा… इसका जब कसौटी का समय आया, तो ये दीर्घदृष्टा नेतृत्व का सामर्थ था, उसने लोकतंत्र को प्राथमिकता दी, दल को आभूत कर दिया. मुझे विश्वास है कि अटल जी का जीवन आने वाली पीढ़ियों को, सार्वजनिक जीवन के लिए, व्यक्तिगत जीवन के लिए, राष्ट्र जीवन के लिए, समर्पण भाव के लिए, वन लाइफ वन मिशन कैसे काम कैसे किया जाता है, इसके लिए हमेश-हमेश प्रेरणा देता रहेगा.’
आपको बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी की आज (25 दिसंबर) को 94वीं जयंती है. अटलजी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का निधन लंबी बीमारी के बाद इसी साल 16 अगस्त को लंबी बीमारी के बाद हो गया था. अटल जी की भाषण शैली के लोग दीवाने थे और उनकी इस शैली का विरोधी भी सम्मान करते थे. अटल जी ने अपनी राजनीतिक कुशलता से बीजेपी को देश में शीर्ष राजनीतिक स्थान पर पहुंचाया था. उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति बनाया. उन्हें भारतीय राजनीति में स्थायी गठबंधन की राजनीति की शुरुआत करने के लिए भी जाना जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा में पले-बढ़े अटल बिहारी को राजनीति में उदारवाद, समता और समानता के के समर्थक के तौर पर याद किया जाता है. आखिरी समय में बीमारी की वजह से वे सार्वजनिक जीवन से दूर चले गए थे.