‘पांच राज्यों में भाजपा की हार की जिम्मेदारी भी नेतृत्व को लेनी चाहिए’…केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान के बाद उठे सवाल पर अब उन्होंने सफाई दी है। गडकरी ने इसका पूरा आरोप मीडिया और कुछ विरोधी दलों पर मढते हुए कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की छवि को धूमिल करने के लिए इरादजत ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
इसको लेकर गडकरी ने ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘पिछले कुछ दिनों में मैंने ध्यान दिया है कि कुछ विपक्षी दलों और मीडिया का एक खास वर्ग मेरे खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। मेरे बयानों को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। ऐसा राजनीतिक मंशा को पूरी करने के लिए हो रहा है। इनकी राजनीतिक मंशा मेरी और मेरी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाना है।’
गडकरी ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं मजबूती के साथ इस तरह के झूठे और भड़काने वाले व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि पार्टी और शीर्ष नेतृत्व के साथ टकराव के झूठे प्रचार के बावजूद उनका पार्टी के साथ संबंध खराब नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘एक बार फिर मैं सबको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि शीर्ष नेतृत्व और पार्टी के साथ तनाव की झूठी खबर फैलाने से वे पार्टी व मेरे बीच दूरी नहीं बढ़ा पाएंगे। मैं झूठे प्रचार करने वालों का असली चेहरा सामने लाता रहूंगा।’
गौरतलब है कि तीन राज्यों (छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान) में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया था कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। उनके इस बयान पर मीडिया में काफी घमासान मच गया था। इसके बाद यह भी बात सामने आई थी कि गडकरी का प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ तनाव चल रहा है। जिन सभी खबरों का गडकरी ने खंडन किया है।