नई दिल्ली : महिला सुरक्षा के लाख दावों के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में सब कुछ सुरक्षित है यह कह पाना अब भी सही नहीं होगा। दिल्ली के बिंदापुर में एक तीन साल की बच्ची के साथ बर्बरता से बलात्कार किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद पीड़िता का काफी बड़ा ऑपेरशन हुआ और अब भी वह अस्पताल में भर्ती है। ऐसे में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अतिरिक्त सत्र न्यायधीश संजय गर्ग के समक्ष एक प्रार्थना पत्र पेश किया और उन्होंने तुरंत बच्ची को तीन लाख की अंतरिम सहायता राशि देने का अनुरोध किया। यह मुआवजा दिल्ली सरकार की पीड़ित मुआवजा स्कीम के तहत दिया गया है। बच्ची के माता पिता बहुत गरीब हैं और मजदूर हैं।
रेप पीड़िता के लिए सहायता केंद्र संचालित
दिल्ली महिला आयोग दुष्कर्म पीड़िता सहायता केंद्र संचालित करता है। यह दिन में 24 घंटे काम करता है। दुष्कर्म के हर केस की जानकारी पुलिस द्वारा इस केंद्र को दी जाती है। साथ ही उनकी कानूनी लड़ाई के दौरान उनकी मदद करता है। इसके अलावा, दिल्ली महिला आयोग की वकील दुष्कर्म के मामलों में सभी अदालतों में पीड़िताओं का प्रतिनिधित्व करती है। दिल्ली महिला आयोग ने 2017 में पीड़िताओं की सहायता के लिए यह व्यवस्था स्थापित की है। आयोग ने दुष्कर्म पीड़िता सहायता केंद्र के द्वारा अब तक सैकड़ों दुष्कर्म पीड़िताओं को मुआवजा दिलवाया है।