1984 सिख विरोधी दंगों के एक केस में उम्रकैद की सजा पा चुके सज्जन कुमार ने इसी मामले में आत्मसमर्पण के लिए 1 महीने अतिरिक्त का समय मांगा था। इसके लिए उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली थी जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका ही खारिज कर दी।
इसका मतलब है कि अब सज्जन कुमार को 31 दिसंबर से पहले ही सज्जन कुमार को जेल जाना होगा। बता दें कि 1984 दिल्ली छावनी सिख विरोधी दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने आत्म समर्पण करने के लिए 30 जनवरी तक मोहलत मांगी थी। उनका कहना था कि उन्हें पारिवारिक व संपत्ति से जुड़े मुद्दे सुलझाने के लिए समय चाहिए।
हाईकोर्ट में सज्जन कुमार की ओर से अधिवक्ता अनिल शर्मा ने याचिका दायर की थी। याचिका पर आज हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि पहले निचली अदालत ने सज्जन कुमार को 30 अप्रैल 2013 को इस मामले में बाइज्जत बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने उन्हें सिख दंगों के दौरान हत्या, वैमनस्य फैलाने, आगजनी, धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की साजिश का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
उन्हें 31 दिसंबर तक आत्म समर्पण करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद सज्जन कुमार ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे चुके हैं।
सुल्तानपुरी सिख दंगा मामले में सुनवाई टली
1984 सुल्तानपुरी सिख दंगा मामले की बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। सज्जन कुमार के वकील ने आवेदन दायर कर कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह पेश नहीं हो सकते। इसके मद्देनजर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है। मामला सिख दंगों के दौरान तीन सिखों की हत्या से जुड़ा है। इस मामले में बुजुर्ग गवाह चाम कौर की गवाही चल रही है।