जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. यहां सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया है. इस मुठभेड़ में 1 जवान के शहीद होने और दो जवानों के घायल होने की खबर है. ऐसा बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान एक स्थानीय नागरिक भी घायल हुआ है. बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की ज्वाइंट टीम ने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया है. दरअसल सुरक्षाबलों को पुलवामा जिले के खारपारो इलाके के सिरनू में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद सेना और सीआरपीएफ की टीम ने लोकल पुलिस के साथ मिलकर इलाके की घेराबंदी की.
आतंकियों की तलाशी के दौरान हुई फायरिंग के बाद यहां एनकाउंटर शुरू हो गया. ऐसा बताया जा रहा है कि मारे गए सभी आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन के हैं. इस एनकाउंटर में मोस्ट वांटेड आतंकी जहूर ठोकर भी मारा गया है. हालांकि अभी तक आतंकियों के शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है इसलिए इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 2 जवानों के घायल होने की भी खबर है. ऐसा बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों पर स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी भी की.
ऐहतियात के तौर पर इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
सेना के कैंप से AK-47 लेकर भागा था जहूर
जुलाई 2017 में जहूर ठोकर जम्मू-कश्मीर में सेना के कैंप से हथियारों के साथ फरार हुआ था. जहूर अहमद ठोकर पुलवामा में टेरिटोरियल आर्मी का जवान था. जहूर एके-47 और करीब तीन मैगजीन लेकर रफू चक्कर हो गया था. यह घटना बारामुला के गंटमुला स्थित कैम्प में हुई थी.
जहूर सेना की यूनिट को चकमा देकर फरार हुआ था. ठोकर पुलवामा का रहने वाला है. जहूर अहमद ठोकर बारामुला के गंटमुल्ला इलाके में स्थित सेना की इकाई से फरार हुआ था. सुरक्षा अधिकारियों को अंदेशा था कि जहूर आतंकवादी संगठनों में शामिल हो सकता है.
इससे पहले भी घाटी में जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों के हथियार लेकर फरार होने और उनके आतंकी संगठनों में शामिल होने के मामले सामने आए हैं. मई 2017 में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक कॉन्स्टेबल चार रायफल लेकर फरार हो गया था. इस घटना के एक दिन बाद आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने दावा किया था कि पुलिस कॉन्स्टेबल उनके संगठन के साथ जुड़ गया है.