हालांकि माल्या के पास जमानत की अर्जी देने के साथ इंग्लैंड के हाईकोर्ट में भी अपील करने का विकल्प
नई दिल्ली : देश के बैंकों को करोड़ों का चूना लगाकर फरार भगोड़े विजय माल्या पर सोमवार को इंग्लैंड की एक कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी। विजय माल्या पर षड्यंत्र, धोखेबाजी और मनी लॉन्डिरिंग के आरोप सिद्ध हो गए हैं। वही राजनैतिक एजेंडा की बात को कोर्ट ने नहीं मानी। हालांकि अभी विजय माल्या के पास जमानत की अर्जी देने के साथ ऊंचे कोर्ट में अर्जी देने का भी विकल्प है। कोर्ट पहुंचने के बाद विजय माल्या ने कहा कि अदालत का फैसला आने के बाद हमारी टीम उसको रिव्यू करेगी। पिछले साल 4 दिसंबर को विजय माल्या का ट्रायल शुरू होने के बाद आज चीफ मजिस्ट्रेट जज एम्मा अर्बुथनॉट ने माल्या पर फैसला सुनाया। इसके बाद फैसला इंग्लैंड के होम ऑफिस जाएगा जहा होम सेक्रेटरी साजिद जावेद इस पर फैसला सुनाएंगे। हालांकि दोनों पार्टियों के पास ही इंग्लैंड के हाई कोर्ट में अपील करने का मौका होगा। विजय माल्या के खिलाफ मामला उस समय सामने आया था जब एसबीआई ने अगस्त 2016 में विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई में शिकायत दर्ज करवाई थी।
प्रत्यर्पण बाद मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखे जाने की योजना, इंग्लैंड की कोर्ट में दिया गया जेल का फुटेज
भारत लाने के बाद विजय माल्या को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। विजय माल्या ने फैसले से पहले कहा था कि मैने ट्विट किया था कि मैं अपना पैसा चुकाना चाहता हूं। मेरे सेटलमेंट ऑफर का आज के फैसले से कोई लेना देना नहीं है। पिछले अप्रैल से जमानत पर चल रहे विजय माल्या ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट में मैने सेटलमेंट का ऑफर दिया था। दो मार्च 2016 से भारत से भाग चुके विजय माल्या पर 13 बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। फैसले के दौरान सीबीआई और ईडी के अधिकारी कोर्ट में मौजूद रहे थे। वैसे विजय माल्या ने भारत की जेलों की स्थिति को देखते हुए मानव अधिकारों के तहत प्रत्यर्पण को चुनौती दे रखी है। जवाब में भारत ने विजय माल्या को जिस जेल में रखा जाएगा वहां का फुटेज भी इंग्लैंड की कोर्ट को दिया था।