चीन की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी हुवावेई टेक्नोलॉजीज की मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) और कंपनी के संस्थापक की बेटी मेंग वानझोउ की जमानत अब सोमवार को होने की उम्मीद है. 1 दिसंबर को उन्हें कनाडा में गिरफ्तार किया गया था. मेंग पर ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के नियम तोड़कर उससे व्यापार के आरोप हैं. उधर, चीन ने कनाडा को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उसने मेंग वानझोउ को तत्काल रिहा नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
बड़े देशों के बीच कारोबारी जंग तेज
वानझोउ की गिरफ्तारी के बाद बड़े देशों के बीच कारोबारी जंग तेज हो गई है. अमेरिका के बाद जापान ने भी हुवावेई के दूरसंचार उपकरणों की खरीद पर रोक का फैसला कर लिया है. जापान सोमवार को सरकारी खरीद के नियमों में बदलाव कर इन दोनों कंपनियों पर पाबंदी लगा सकता है. उसने खुफिया जानकारी लीक होने और साइबर हमलों का हवाला दिया है.
हुवावेई जापानी कंपनी एनटीटी डोकोमो और केडीडीआई कॉर्प को उपकरणों की आपूर्ति करती है. जापान के सॉफ्ट बैंक की हुवावेई से साझेदारी है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में पहले ही कंपनी के कारोबार पर रोक लगा रखी है. ब्रिटेन के बीटी ग्रुप ने उपकरणों को हटाने का फैसला किया है.
चीन ने कनाडा के राजदूत को तलब किया
चीन ने मेंग वानझोउ को हिरासत में लेने के मामले में शनिवार को कनाडा के राजदूत जॉन मैककुलम को तलब किया था. हुवावेई के संस्थापक को चीन की कम्युनिस्ट सरकार का करीबी माना जाता है. मेंग वानझोउ हुवावे के फाउंडर रेन जेंगफेई की बेटी और कंपनी बोर्ड की डेप्युटी चेयरपर्सन भी हैं. उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का करीबी माना जाता है.
अमेरिका के इशारे पर हुई गिरफ्तारी
मेंग वानझू की गिरफ्तारी अमेरिका के इशारे पर हुई. अमेरिकी अधिकारियों ने हुवावेई द्वारा ईरान पर लगे प्रतिबंधों के संदिग्ध उल्लंघन की जांच शुरू की थी जिसके बाद मेंग वानझोउ को गिरफ्तार किया गया. कंपनी पहले से ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी की निगाहों में है क्योंकि वह हुवावेई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं. अमेरिकी सांसद बेन सासे ने बयान में कहा, “चीन हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को कमजोर करने के लिए रचनात्मक रूप से काम कर रहा है और अमेरिका तथा उसके सहयोगी चुपचाप नहीं बैठ सकते हैं.”