हीरा कारोबारी राजेश्वर उदानी की रहस्यमय हत्या के बाद मुंबई पुलिस ने एक राजनेता को गिरफ्तार किया है और एक प्रमुख मॉडल और टीवी अभिनेत्री को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की है. इसमें टीवी एक्ट्रेस देबोलिना बनर्जी से भी पूछताछ हो रही है. अब इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हो रहा है. अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि राजनीतिज्ञ सचिन पवार कथित तौर पर मृतक का करीबी परिचित था. पुलिस ने सचिन पवार और दिनेश पवार को गिरफ्तार कर लिया है.
अब इस मामले में सूत्रों के हवाले से एक और कहानी सामने आ रही है. इसके अनुसार, सचिन पवार ने हीरा कारोबारी राजेश्वर की हत्या के लिए दो प्रोफेशनल शूटर्स और एक मॉडल को हायर किया था. उन्होंने मॉडल से कहा कि वह सिर्फ मजाकिया तौर पर एक वीडियो बना रहे हैं. इसमें उसे एक्टिंग करनी है. सचिन ने इसके लिए शूटर्स और मॉडल को 5 लाख रुपए दिए. इसमें मॉडल से कहा गया था कि वीडियो में राजेश्वर का सिर्फ मजाक के तौर पर गला दबाया जाएगा. लेकिन इसी शूटिंग के दौरान मॉडल को ये अहसास हो गया कि ये मजाक नहीं है.
शूटिंग के दौरान उसने कहा, ये मजाक नहीं है. तब उससे कहा गया कि ये मजाक नहीं है. लेकिन इसके बारे में किसी को नहीं बताना. इस मामले में अब पुलिस का कहना है कि अब तक Tv actress देवोलिना से पूछताछ जारी है. इस मामले में उन्हें क्लीन चिट नहीं दी गई है. और भी लोगों से पुलिस पूछताछ करेगी.
सचिन पवार महाराष्ट्र के एक मंत्री का पूर्व पीए है, जबकि दिनेश पवार मुंबई पुलिस में कांस्टेबल है. दिनेश पर पहले ही बलात्कार का मामला दर्ज है और वो निलंबित है. टीवी एक्ट्रेस देवोलीना सचिन पवार की मित्र हैं. देवोलीना साथ निभाना साथिया सीरियल में गोपी बहु के किरदार से सुर्खियों में आई थीं.
इसके पहले अभिनेत्री देबोलिना भट्टाचार्य से घाटकोपर में पुलिस ने कई घंटों पूछताछ की. लापता उदानी का शव इसके तीन दिन पहले रायगढ़ जिले से लगे जंगलों में पाया गया था. अधिकारियों ने इस मामले में भट्टाचार्य की भूमिका के बारे में हालांकि कुछ नहीं बताया, लेकिन संकेत दिया कि मनोरंजन उद्योग की कुछ और महिलाओं को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. उदानी (57) अपने कार्यालय से 28 नवंबर को लापता हो गए थे. पुलिस ने गुमशुदगी का एक मामला दर्ज किया था और उनकी तलाश शुरू की थी. उनका मोबाइल नवी मुंबई के राबाले में होने का पता चला, और उसके बाद उसका सिग्नल गायब हो गया.
लगभग एक सप्ताह बाद चार दिसंबर को पुलिस ने अपहरण का एक मामला दर्ज किया, क्योंकि उनका कोई पता नहीं लग पाया और परिवार को कुछ गड़बड़ होने का संदेह हुआ. उनके ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उदानी ने उसे पंत नगर मार्केट के पास छोड़ने के लिए कहा, जहां एक दूसरा वाहन आया और वह उसमें बैठ गए.
उदानी का बुरी तरह सड़ा हुआ शव पांच दिसंबर को पाया गया. शव पर किसी चोट का कोई निशान नहीं था, और न तो ऐसा कोई कागजात था, जिससे शव की पहचान की जा सके. उनके पुत्र ने कपड़े और जूते से उनकी पहचान की. जांचकर्ताओं को संदेह है कि उदानी के अपहर्ताओं ने किसी दूसरे स्थान पर उनकी हत्या की होगी और उसके बाद शव पनवेल के जंगल में फेंक दिया होगा.