फ्रांस और ब्रिटेन ने ईरान पर इस सप्ताहांत में मिसाइल परीक्षण करने का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया है. यह बैठक मंगलवार को होनी है. अमेरिका का कहना है कि शनिवार को हुआ मिसाइल परीक्षण 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन है.
प्रस्ताव में ईरान को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों का परीक्षण नहीं करने को कहा गया था. फ्रांस ने कहा कि वह परीक्षण से चिंतिंत है. विदेश मंत्रालय ने इसे उकसावे वाले तथा अस्थिर करने वाला कदम बताया है. उसका कहना है कि यह कदम ईरान परमाणु समझौते पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुकूल नहीं है.
मिसाइल परीक्षण पर क्या बोले ब्रिटेन के विदेश मंत्री
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने कहा कि यह मिसाइल परीक्षण उकसावे वाला, आतंकित करने वाला और अनुचित है. साथ ही ब्रिटेन इस बात पर कायम है कि इसे बंद होना चाहिए. ईरान के लिए अमेरिका के राजदूत ब्रायन हुक ने यूरोपीय संघ से ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को लक्षित करके प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ यूरोपीय संघ के नेताओं से बातचीत करने के ब्रसेल्स गए हैं.
ईरान ने रक्षा अपना पक्ष
गौरतलब है कि अमेरिका ने मई, 2018 में स्वयं को 2015 ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था. संयुक्त राष्ट्र में बैठक से पहले ईरान ने कहा है कि मिसाइल कार्यक्रम रक्षात्मक प्रकृति का था और देश की जरूरतों के अनुसार ही विकसित किया गया है.