अगर इमरान ख़ान से पूछा जाए कि भविष्य में भारत का प्रधानमंत्री किसे होना चाहिए.. तो वो सबसे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू का नाम लेंगे. आजकल इमरान ख़ान और नवजोत सिंह सिद्धू.. एक दूजे के लिए राजनीति कर रहे हैं और प्रचार भी कर रहे हैं. पिछले हफ़्ते करतापुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के मौके पर इशारों-इशारों में इमरान ख़ान ने सिद्धू को भारत के भविष्य का प्रधानमंत्री बता दिया था. अब इमरान ख़ान और पाकिस्तान के मीडिया ने सिद्धू को भारत में अपने अघोषित Brand Ambassador बना दिया है. यानी सिद्धू एक साथ भारत और पाकिस्तान, दोनों टीमों की तरफ से खेल रहे हैं. और जब कोई खिलाड़ी ऐसा करता ह तो उसका खेल खराब हो जाता है.
भारत की राजनीति वाली Pitch पर सिद्धू ठीक से बल्लेबाज़ी नहीं कर पा रहे, क्योंकि वो राहुल गांधी को अपना Captain मानते हैं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को नहीं. Captain अमरिंदर सिंह की कैबिनेट के कई मंत्री इस विषय पर सिद्धू से इस्तीफे की मांग कर चुके हैं. आज पंजाब कैबिनेट की बैठक में करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ की गई.
जबकि पिछले 5 दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू लगातार ये कह रहे हैं कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर का सबसे बड़ा Credit, भारत सरकार को नहीं, बल्कि इमरान ख़ान को जाता है, क्योंकि इमरान ख़ान ने इस मामले में पहल की. सिद्धू के इन बयानों से पाकिस्तान के TV Channels बहुत उत्साहित हैं. उनके लिए सिद्धू एक भारतीय होने के बावजूद पाकिस्तान के Star Campaigner हैं. इसलिए अब सिद्धू के इंटरव्यू, पूरे ज़ोर शोर से पाकिस्तान के न्यूज़ चैनलों पर दिखाई दे रहे हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी तक ना तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का Googly वाला बयान सुना है. और ना ही उन्होंने पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद अहमद का बयान सुना है. जब नवजोत सिंह सिद्धू, इमरान ख़ान के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान गए थे. और उस वक्त उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था. तब से लेकर आज तक सिद्धू इसी बात की TRP बटोर रहे हैं, कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख को उन्होंने झप्पी दी थी, लेकिन, सिद्धू जिस झप्पी को ‘जादू वाली झप्पी’ समझ रहे थे, वो दरअसल ‘बाजवा की साज़िश वाली झप्पी’ थी. इसका खुलासा खुद पाकिस्तान के रेल मंत्री ने किया है.
ध्यान देने वाली बात ये भी है, कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने Googly वाली बात पर U Turn मारने के लिए Twitter का सहारा लिया. और ये कहने की कोशिश की, कि उनके बयान को सिख भावनाओं के साथ जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन वो ये भूल गए, कि खुद उन्हीं की टीम में ऐसे आत्मघाती खिलाड़ी मौजूद हैं, जो अपनी ही टीम को ले डूबते हैं. पाकिस्तान के रेल मंत्री भी एक ऐसे ही आत्मघाती खिलाड़ी हैं. जिन्होंने पाकिस्तान का असली एजेंडा खुद ही Expose कर दिया. दरअसल ये पूरा खेल ही कश्मीर के नाम पर हो रहा है. और विडंबना ये है, कि नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेता पाकिस्तान के इस खेल में एक प्यादे की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू की मौजूदा हालत पर एक कहावत बिल्कुल फिट बैठती है. और वो कहावत है, – ना घर के, ना घाट के. वो पाकिस्तान के हाथों अपना इस्तेमाल करवा चुके हैं. और भारत की राजनीतिक पिच पर भी उनका फॉर्म खराब ही चल रहा है. हालांकि, वो एक भारतीय नागरिक हैं. इसलिए, उन्हें इस बात की समझ होनी चाहिए, कि करतारपुर के नाम पर पाकिस्तान ने कैसे कश्मीर वाला एजेंडा चलाया है, क्योंकि, करतारपुर कॉरिडोर जैसे धार्मिक आयोजन में पाकिस्तान के सेना प्रमुख का आना और उनकी मौजूदगी में इमरान ख़ान द्वारा कश्मीर की बात करना सिर्फ इक्तेफाक नहीं था. ये पूरी Planning थी. और इस Planning को Expose करने के लिए अब हम पाकिस्तान के ही सरकारी News Channel, PTV की मदद लेंगे.
करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के बाद इमरान ख़ान ने भारत से पाकिस्तान गए पत्रकारों के साथ बातचीत की थी. ये वो चुनिन्दा पत्रकार थे, जिन्हें खासतौर पर पाकिस्तान आने का निमंत्रण मिला था और उन्हें VISA दिया गया था. पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक भारतीय पत्रकार ने इमरान ख़ान से ये सवाल पूछा, कि क्या आपको इस बात की जानकारी है, कि कश्मीर का मुद्दा उठाने की वजह से भारत की सरकार नाराज़ है. इमरान ख़ान ने इस सवाल का जवाब देना भी शुरु किया, लेकिन 9 सेकेंड के बाद अचानक इस Video की आवाज़ दबा दी गई. करीब 9 सेकेंड तक इमरान ख़ान की आवाज़ Mute रही. और उसके बाद उनकी आवाज़ दोबारा वापस आई. यानी कुछ शब्द ऐसे थे जिन्हें दबाने की कोशिश हुई.
9 Seconds के लिए अचानक इमरान ख़ान की आवाज़ का गायब हो जाना…समझ से परे था. फिर हमने सोचा क्यों ना, इसी Video को पाकिस्तान के किसी और News Channel पर देखा जाए. इसके बाद हमारी नज़र पाकिस्तान के Dunya News के वीडियो क्लिप पर पड़ी. इस Video को भी 30 नवंबर को ही Youtube पर Upload किया गया था, लेकिन दोनों Videos में फर्क सिर्फ इतना था, कि PTV के बजाए Dunya News की Video Clip में इमरान ख़ान की आवाज़ दबाई नहीं गई थी. सब कुछ एकदम स्पष्ट था.
कई लोगों को ये भी लग सकता है, कि PTV ने जो Video अपलोड किया, उसमें इमरान ख़ान की आवाज़ दबाई नहीं गई. बल्कि वो कोई Technical Glitch था. लेकिन फिर हमारा ध्यान इन दोनों ही Videos के उस हिस्से पर गया, जहां पर Location की जानकारी दी गई थी. इन दोनों ही Videos में जिस जगह पर इस्लामाबाद लिखा हुआ है, उसका Colour Combination, और Font का Size बिल्कुल एक जैसा है. इसका मतलब ये हुआ, कि जिस वक्त ये Broadcast चल रहा था, उस वक्त पाकिस्तान का Dunya News भी PTV का Live प्रसारण अपने चैनल पर दिखा रहा था. आम तौर पर ऐसे सरकारी आयोजनों का प्रसारण करने की ज़िम्मेदारी सरकारी News Channels को ही दी जाती है, लेकिन, यहां पर समझने वाली बात ये है, कि बाद में जब इसी Interview को दोनों चैनल्स के Youtube Account पर Upload किया गया, तो एक में कश्मीर पर पूछे गए सवाल के जवाब में इमरान खान की आवाज़ गायब थी. जबकि दूसरे में ऐसा नहीं था.
आपने इमरान का जवाब सुन लिया होगा। वो कहते हैं, कि अगर कश्मीर की बात ना करो, फिर तो कोई Problem है ही नहीं. और करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे पर शुरु से लेकर अंत तक सिर्फ यही था पाकिस्तान का एंजेडा. उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू सहित तमाम भारतीयों का इस्तेमाल किया, कश्मीर का मुद्दा उठाया और बड़ी ही चालाकी से दुनिया को धोखा दे दिया.
इमरान ख़ान दुनिया को भ्रमित करने के लिए और भारत को कटघरे में खड़ा करने के लिए कैसे Multi Camera Set Up वाले Interview और पत्रकारों की पूरी टीम का इस्तेमाल करते हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आज वहां के 6 अलग-अलग News Channels के Anchors को लम्बा-चौड़ा Interview दिया है. ये Interview दो वजहों से महत्वपूर्ण है. पहली ये, कि पूरे Interview के दौरान इमरान ख़ान ने अपनी सरकार के 100 दिनों के काम-काज का हिसाब दिया है. और दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है, कि इस Interview को हथियार बनाकर, इमरान खान ने भारत पर एक तरह का कूटनीतिक हमला किया है. जैसा की आप जानते होंगे, फिल्मों की दुनिया में Scripts की भूमिका अहम होती है. और हर एक्टर Script में लिखी हुई पटकथा के अनुसार ही अभिनय करता है. इमरान ख़ान आज बिल्कुल वैसा ही कर रहे थे. पाकिस्तान के 6 बड़े Anchors ने उनसे जैसे सवाल पूछे, उन्हें सुनकर ऐसा ही लग रहा था, कि वो भी किसी Script का ही हिस्सा थे. सबसे पहले आप Googly वाले सवाल पर इमरान ख़ान का जवाब सुनिए.
गुगली वाले सवाल पर इमरान ख़ान का असली जवाब अभी ख़त्म नहीं हुआ है. क्योंकि इस Interview के दौरान वो करतारपुर वाली गुगली को कश्मीर वाली पिच पर ले आए. हमने वो जवाब भी आपके लिए निकाला है. लेकिन उससे पहले ये सुनिए, कि पाकिस्तान की फौज और वहां की सरकार के रिश्तों पर इमरान ख़ान ने क्या सफाई दी है ?
एक तरफ इमरान ख़ान ये कहते हैं, कि सुरक्षा के मामलों पर जब भी बात करनी होती है, तो वो सबसे पहले पाकिस्तान की सेना से सलाह-मशविरा करते हैं. लेकिन वो ये कहने से भी नहीं चूकते, कि इस वक्त पाकिस्तान में वहां की सेना नहीं, बल्कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार सबसे मज़बूत है. और पाकिस्तान की फौज इमरान ख़ान के Under काम करती है. लेकिन इसी Interview के दौरान जब इमरान ख़ान से कश्मीर के मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो उनका जवाब सुनकर आपको ऐसा लगेगा, कि वो इमरान ख़ान का नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेना का जवाब है.