अमेरिका द्वारा ईरान और वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी भारत उनके साथ कारोबार करना जारी रखेगा. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह बात मोदी सरकार के 4 साल पूरा होने के मौके पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा.
साथ ही स्वराज ने जोर देकर कहा कि भारत सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को मानता है. विदेश मंत्री स्वराज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को ही मानते हैं.’ स्वराज ने अमेरिकी प्रतिबंधों का ईरान और वेनेजुएला से भारत के तेल आयात पर असर पड़ने के सवाल में जवाब में यह टिप्पणी की.
स्वराज ने यह भी कहा कि भारत किसी भी देश के दबाव में अपनी विदेश नीति नहीं बनाता है. इस माह की शुरुआत में अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था. इस निर्णय की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे.
अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के पुनर्निर्वाचन के बाद उसके खिलाफ प्रतिबंधों को और सख्त करने की घोषणा की थी. बता दें कि है इराक और सउदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर है. वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 10 महीनों में ईरान ने भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चा तेल दिया था. यह आंकड़ा अप्रैल, 2017 से जनवरी 2018 के बीच का है. जबकि वेनेजुएला भारत को तेल आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में से एक है.
गौरतलब है, अगर यूरोपीय देश भी अमेरिका की राह चलते हैं, तो कच्चे तेल को लेकर भारत का गणित गड़बड़ा सकता है. दूसरी तरफ, ईरान की तरफ से कच्चे तेल की सप्लाई कम होने से हालात बिगड़े हैं. वेनेजुएला में पैदा हुए आर्थिक संकट के चलते भी कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी है.