नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) पर अपने 2015 के फैसले पर दोबारा विचार करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट के फैसले के 470 दिनों के बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई है और इस देरी का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि केवल इसी आधार पर याचिका खारिज की जाती है।
कोर्ट ने कहा कि देरी के अलावा हमने रिव्यू पिटीशन पर गंभीरता से गौर किया और पाया कि इसमें कोई मेरिट नहीं है। इसलिए याचिका दायर करने में देरी और मेरिट के आधार पर खारिज की जाती है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने 2015 में एनजेएसी के गठन का कानून रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के सेलेक्शन के लिए कॉलेजियम व्यवस्था बहाल हो गई थी।