भारत-पाकिस्तान की दोस्ती की नई कड़ी को जोड़ने वाले करतारपुर साहिब सड़क गलियारे की उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आज आधारशिला रखेंगे. पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव से पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली इस सड़क की आधारशिला कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह शामिल होंगे.
भारत के उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री के जमावड़े के कारण पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान सीमा सटे इलाके के पास स्थित इस जगह पर कार्यक्रम के लिए पुलिस प्रशासन की एक पूरी टीम को सुरक्षा में तैनात किए गए हैं.
22 नवंबर 2018 को हुआ था कॉरिडोर बनाने का ऐलान
भारत सरकार ने 2019 में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में करतारपुर सड़क गलियारे के निर्माण का 22 नवंबर, 2018 को फैसला किया. इस सड़क का निर्माण भारत -पाकिस्तान सीमा तक एकीकृत विकास परियोजना के रूप में किया जायेगा.
सिख समुदाय के लोगों के लिए खास
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान में भारत-पाक सीमा से लगभग तीन से चार किलोमीटर दूर स्थित है. पाकिस्तान में करतारपुर साहिब, भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक पूजास्थल से करीब चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार स्थित है. यह सिख गुरुद्वारा 1522 में सिख गुरु ने स्थापित किया था. पहला गुरुद्वारा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, यहां बनाया गया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां गुरु नानक देव का निधन हुआ था. इस कॉरिडोर का निर्माण होने के बाद भारतीय सिख समुदाय के लोग बिना किसी वीजा के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेक सकेंगे.
कॉरिडोर बनने के बाद करीब आएंगे भारत-पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवंबर को पाकिस्तानी पक्ष वाले गलियारे के आधारशिला रखने के समारोह का उद्घाटन करेंगे. भारत-पाकिस्तान संबंध हाल के वर्षों में ऐसे निचले स्तर पर पहुंचे हैं, कि उसमें कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होती है. 2016 में पाकिस्तान स्थित समूहों द्वारा आतंकवादी हमलों के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावग्रस्त हो गए थे.
नवजोत सिंह सिद्धू ने स्वीकार किया पाकिस्तान का न्योता
भारत के बाद पाकिस्तान की ओर से 28 नवंबर को कॉरिडोर की आधारशिला रखी जाएगी. इस कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान की ओर से पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को न्योता दिया गया है. पाकिस्तान के न्योते को अस्वीकार करते हुए अमरिंदर सिंह ने व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को लिखे एक पत्र में कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है लेकिन उन्हें इसमें उपस्थित नहीं हो पाने के लिए अफसोस है. की हत्या किए जाने को इसकी वजह बताया. वहीं, उनके मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने खुशी – खुशी यह अनुरोध स्वीकार कर लिया है.
आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं सिद्धू
उल्लेखनीय है कि अगस्त में इस्लामाबाद का दौरा करने और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने को लेकर सिद्धू को विपक्षी पार्टियों की आलोचना का सामना करना पड़ा था. वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में वहां गए थे.
150 करोड़ रुपये की मदद देगी केंद्र सरकार!
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह परियोजनाओं से जुड़ी पंजाब सरकार के अनुरोध को मानने और इस संबंध में घोषणाएं करने के लिए भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं, खासकर करतारपुर साहिब तक सुचारू और सुगम पहुंच के लिये करतारपुर गलियारा खोलने के लिए. इन धार्मिक कस्बों के ऐतिहासिक महत्व के मद्देनजर अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय सड़क कोष (सीआरएफ) के तहत सुल्तानपुर लोधी, बटाला, डेरा बाबा नानक और गुरदासपुर में सड़कों को उन्नत बनाने के लिये 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम आवंटित करने की मांग की.