काठमांडू। एवरेस्ट क्षेत्र में पिछले दो दिनों से फंसे 15 भारतीयों ने शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद मांगी। विदेश मंत्री ने नेपाल में भारत के राजदूत मानजीव सिंह पुरी से मामला देखने को कहा है।
सर्जन अमित ठाढनी सुषमा स्वराज को मार्क करते हुए ट्वीट किया है, ‘दो दिनों से नेपाल के लुकला में फंसे हुए हैं। लूटने पर अमादा हेलीकॉप्टर कंपनी ने प्रति व्यक्ति 600 डॉलर (40 हजार रुपये से अधिक) का भुगतान करने तक हमें काठमांडू पहुंचाने से मना कर दिया है।’ उन्होंने उल्लेख किया है कि काठमांडू से लुकला आने के लिए उन्होंने प्रति व्यक्ति 200 डॉलर (13 हजार रुपये से अधिक) का भुगतान किया था।
ठाढनी ने कहा है, ‘क्या आप मेरी मदद कर सकती हैं? हम 15 भारतीय लुकला में हैं और यहां से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय दूतावास से संपर्क किया लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।’ खराब मौसम के कारण क्षेत्र में कई पवर्तारोही फंसे हुए हैं। भीड़ के कारण हेलीकॉप्टर कंपनियां लोगों से ज्यादा किराया मांग रही हैं। ठाढनी के अलावा दूसरे भारतीय सौरव घोष ने भी ट्वीट कर मदद मांगी है।
माउंट एवरेस्ट का गेटवे है लुकला
2,860 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लुकला को माउंट एवरेस्ट का गेटवे माना जाता है। यहां एक छोटा सा हवाई अड्डा है जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक माना जाता है। पवर्तारोहियों के बीच यह स्थान अत्यंत लोकप्रिय है। गर्मियों में पवर्तारोही यहां पहुंचते हैं। इस दौरान मौसम ठंडा रहता है लेकिन एकदम सर्द नहीं होता है।