नई दिल्ली : पूर्व वित्तमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि मोदी सरकार ने कड़वी दवा कहकर पहले सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र को बर्बाद कर दिया और अब आरबीआई के जरिए इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करना चाहती है। चिदंबरम ने ट्वीट कर एक सरकारी अधिकारी के हवाले से आए बयान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नीतिगत मामलों में सरकार सर्वोच्च है और इसी तरह से लोकतंत्र में काम होता है। असल में यह कहने वाला व्यक्ति केंद्रीय बैंक, उसकी स्वतंत्रता और लोकतंत्र के बारे में कुछ नहीं जानता।
इस बीच चिदंबरम ने हैदराबाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूपीए सरकार के दौरान वित्त मंत्रालय और आरबीआई मिल-जुल कर काम करते थे लेकिन वर्तमान में यह स्थिति बिल्कुल उलट है। उन्होंने सरकार के सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की उच्च वृद्धि दर की बात कहने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी कई आर्थिक मानक होते हैं जिनके आधार पर अर्थव्यवस्था का स्वास्थ्य पता चलता है। वर्तमान में घरेलू बचत, औद्योगिक ऋण, निर्यात विकास, रुपए की कीमत और रोजगार सृजन हर क्षेत्र में अब से पहले जैसी गिरावट कभी दर्ज नहीं की गई।