अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान की सुरक्षा सहायता इसलिये रोक दी क्योंकि वह अपनी सीमा के भीतर आतंकवादियों के पनाहगाह की समस्या का निराकरण करने में विफल रहा. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘(ट्रंप) प्रशासन ने हमेशा पाकिस्तानी नेताओं से स्पष्ट किया है कि वह उनसे अपेक्षा करता है कि वे पाकिस्तान में आतंकवादियों के पनाहगाह की समस्या का रचनात्मक तरीके से समाधान करेंगे.’’
अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘‘चूंकि पाकिस्तान समस्या का समाधान करने में विफल रहा, इसलिये प्रशासन ने सुरक्षा सहायता रोक दी.’’ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आतंकवाद के खिलाफ उनकी देश की लड़ाई के बारे में झूठा दावा करने के आरोप लगाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान महसूस करेगा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी रणनीति के साथ सहयोग करना उसके अपने हित में है.’’
रविवार को फॉक्स न्यूज को दिए गए साक्षात्कार और सोमवार को दो ट्वीटों में ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान अमेरिका के लिये कुछ भी नहीं कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान जानता था कि ओसामा बिन लादेन ऐबटाबाद में एक भवन में रह रहा है, लेकिन पाकिस्तान को दी गई सारी सहायता बेकार गई. उसे प्रतिवर्ष 1.3 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता दी जा रही थी.
नतीजतन ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सारी सुरक्षा सहायता में कटौती के अपने फैसले का बचाव किया. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने जवाब में एक ट्वीट में कहा कि उनके देश ने अमेरिका की तरफ से आतंकवाद से लड़ते हुए काफी कुछ भुगता है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘अब हम अपने लोगों और हमारे हित में जो बेहतरीन होगा वह करेंगे.’’
पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता में कटौती की मांग कर रहे सीनेटर रैंड पॉल ने ट्रंप के फैसले का समर्थन किया.
उन्होंने ट्रंप के पोस्ट को रीट्वीट करते हुए कहा, ‘‘मैं पूरी तरह सहमत हूं. इसलिये हमें पाकिस्तान पर पूरी तरह दबाव बनाना चाहिये कि वह ईसाई महिला आसिया बीबी को अमेरिका में शरण लेने दे.’’पॉल ने ट्रंप से आसिया बीबी को राजनीतिक शरण और शरणार्थी का दर्जा देने का आग्रह किया है. आतंकी वारदात थी अमृतसर निरंकारी भवन पर हमला, पाकिस्तान का हाथ होने के संकेत